भारत दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था : IMF

आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था बनी हुई है, और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.’’

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है. आईएमएफ ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में कमी के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हालांकि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. वैश्विक निकाय ने अपने वार्षिक विश्व आर्थिक परिदृश्य में 2024-25 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है. इससे पहले जनवरी में अनुमान जताया गया था कि यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत रहेगा.

चालू वित्त वर्ष में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 2022-23 में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आईएमएफ का वृद्धि अनुमान आरबीआई के अनुमान से कम है. आरबीआई के मुताबिक, 2022-23 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रह सकती है. सरकार ने 2022-23 के लिए अभी जीडीपी की वृद्धि दर के आंकड़े जारी नहीं किए हैं. आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था बनी हुई है, और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.''

उन्होंने कहा कि खपत बढ़ने में अपेक्षित मंदी के कारण वृद्धि अनुमानों में थोड़ी कमी की गई है. उन्होंने आगे कहा कि आईएमएफ वृद्धि के मुख्य चालक के रूप में निवेश को देखता है. यह दो अंक में ऋण वृद्धि, मजबूत पीएमआई और एक महत्वाकांक्षी सरकारी व्यय कार्यक्रम से स्पष्ट है. आईएमएफ के मुताबिक, चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रह सकती है। इसकी वृद्धि दर 2022 में तीन प्रतिशत थी. आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि आपूर्ति-श्रृंखला की रुकावटें और युद्ध के कारण ऊर्जा तथा खाद्य बाजारों में पैदा हुई बाधाएं भी कम हो रही है.

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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ज्यादातर केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई मौद्रिक सख्ती का फल मिलना शुरू हो जाना चाहिए। साथ ही मुद्रास्फीति अपने लक्ष्यों की ओर वापस आ रही है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के मुताबिक वैश्विक वृद्धि दर इस साल 2.8 प्रतिशत और 2024 में तीन प्रतिशत रहेगी. साथ ही मुद्रास्फीति भी 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर इस साल सात प्रतिशत और 2024 में 4.9 प्रतिशत रह सकती है.

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