"NIA का BJP के साथ गठबंधन...", ब्लास्ट मामले में TMC नेताओं की गिरफ्तारी पर अभिषेक बनर्जी का आरोप

एनआईए ने शनिवार को पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में 2022 में हुए विस्फोट के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.

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कोलकाता:

2022 विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं की गिरफ्तारी से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी और भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है.  तृणमूल ने बीजेपी और NIA के बीच "गठबंधन" का आरोप लगाया है. वहीं बीजेपी ने टीएमसी (TMC) द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने की चुनौती दी है. गौरतलब है कि एनआईए ने शनिवार को पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में 2022 में हुए विस्फोट के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.

एनआईए ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की टीम को पांच स्थानों पर तलाशी के बाद बलाई चरण मैती और मनोब्रत जाना को गिरफ्तार करने के दौरान भीड़ के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा.  एजेंसी ने कहा कि झड़प में एनआईए टीम के एक सदस्य को मामूली चोटें आईं और एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. 

क्या है आरोप? 
एनआईएके बयान में कहा गया है कि मनोब्रत जाना और अन्य गिरफ्तार आरोपियों, पर आतंक फैलाने के लिए कच्चे बम बनाने और विस्फोट करने की साजिश रचने का आरोप है. कलकत्ता हाईकोर्टॉ के आदेश के बाद पिछले साल एनआईए द्वारा जांच अपने हाथ में लेने से पहले इस मामले की जांच पहले बंगाल पुलिस द्वारा की गई थी. 

गिरफ्तारी को लेकर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट कर हमला बोला है.  उन्होंने लिखा कि एनआईए और बीजेपी के बीच गठबंधन है. तृणमूल नेताओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है. चुनाव आयोग इन सब मामलों पर पूरी तरह से चुप है. और अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहा है. 

इससे पहले, तृणमूल नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया था कि बंगाल बीजेपी के नेता जितेंद्र तिवारी, जो पहले तृणमूल में थे, ने 26 मार्च को एक एनआईए अधिकारी से मुलाकात की थी और "लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार किए जाने वाले" तृणमूल नेताओं की एक सूची सौंपी थी. घोष ने बीजेपी नेता को चुनौती दी थी कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे का वो खंडन करें या 48 घंटे के बाद उनके कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज सबूत के साथ वो मीडिया के सामने आएंगे. 

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टीएमसी नेता ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप
बंगाल सरकार में मंत्री और तृणमूल नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि एनआईए ने चुनाव से ठीक पहले 2022 के मामले की जांच की है और इसमें तृणमूल नेताओं की संलिप्तता पाई है. उन्होंने कहा, "यह केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके भाजपा द्वारा टीएमसी के खिलाफ गहरी साजिश को दर्शाता है."तृणमूल ने एनआईए अधिकारी धनराम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उन्हें बंगाल से हटाने की मांग की है. 

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तृणमूल "झूठ फैला रही है" : बीजेपी
आसनसोल के पूर्व मेयर तिवारी ने एक टीवी चैनल से कहा है कि तृणमूल "झूठ फैला रही है" क्योंकि उसे भ्रष्टाचार और ग्रामीणों के खिलाफ अत्याचार के आरोपों के कारण जमीन खिसकता हुआ दिख रहा है. उन्होंने कहा, अगर टीएमसी नेता कुणाल घोष इस बात का सबूत देने में विफल रहते हैं कि मैं या हमारा कोई नेता एनआईए जांच को प्रभावित करने या उनके किसी अधिकारी से मिलने में शामिल था, तो मैं उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर करूंगा. भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा है कि तृणमूल के आरोप उसकी "हताशा" की ओर इशारा करते हैं. उन्होंने कहा, "टीएमसी अपने शासन में संवैधानिक सिद्धांतों के पूरी तरह से टूटने से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.

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सीएम ममता बनर्जी ने भी साधा था निशाना
इससे पहले  मुख्यमंत्री बनर्जी ने एनआईए टीम पर ग्रामीणों से मारपीट का आरोप लगाया था. एनआईए टीम के एक सदस्य को लगी चोटों पर उन्होंने कहा था कि यह ग्रामीणों द्वारा "आत्मरक्षा" में यह कदम उठाया गया था. उन्होंने कहा, केंद्रीय एजेंसी की टीम "पटाखे फोड़ने" की घटना को लेकर भी कई घरों में घुस गयी.  इस बीच, बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवार के सदस्यों की शिकायत के आधार पर एनआईए टीम के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है. 

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