आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उसके अहमदाबाद वाले दफ्तर में गुजरात पुलिस ने छापा मारा है, वहीं गुजरात पुलिस का कहना है कि कोई रेड नहीं की है. AAP के मुताबिक- केजरीवाल के अहमदाबाद पहुंचते ही पुलिस ने छापेमारी की. इस छापे की जानकारी आम आदमी पार्टी नेता इसुदान गढ़वी ने ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा कि आम आदमी पार्टी पर गुजरात पुलिस की 2 घंटे की रेड में कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वे फिर आएंगे. इस बीच आज से दो दिन केजरीवाल मिशन गुजरात में कई कार्यक्रम करने वाले हैं. आज वे तीन अलग-अलग टाउन हॉल मीटिंग करने वाले हैं. सुबह 11 बजे वे ऑटो ड्राइवर्स के साथ, दोपहर साढ़े 12 बजे व्यापारियों के साथ और शाम साढ़े 4 बजे वकीलों के साथ टाउन हॉल मीटिंग करेंगे.
अहमदाबाद पुलिस ने किया दावे का खंडन
वहीं अहमदाबाद पुलिस ने आम आदमी पार्टी के दावे का खंडन किया. अहमदाबाद पुलिस के मुताबिक- इस प्रकार का कोई रेड अहमदाबाद शहर पुलिस के द्वारा करने में नहीं आई है. अहमदाबाद पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि कल आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर अहमदाबाद शहर पुलिस द्वारा रेड करने में आई, ऐसा समाचार सोशल मीडिया से ज्ञात हुआ है. इस प्रकार का कोई रेड अहमदाबाद शहर पुलिस के द्वारा करने में नहीं आई है. जवाब में आम आदमी पार्टी के गुजरात के वरिष्ठ नेता इशुदान गढवी ने कहा कि तीन पुलिस वाले आए थे. उनके पास कोई वॉरंट या कोई कागज नहीं था. जाहिर है कि रेड “Unofficial” थी. उसका रिकॉर्ड में कहीं ज़िक्र नहीं होगा. भाजपा का गुजरात में लोगों को तंग करने का यही स्टाइल है.
AAP के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात
आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने कहा कि हमारे दफ़्तर पर कल रात रेड हुई. जब कुछ नहीं मिला तो वहां से चले गए. हम तो नाम बता रहे हैं कि नवरंग पुरा थाने से हितेश भाई और पारस भाई आए थे. अब आप जांच कीजिए और देखिए कि हमारी बात सही है या नहीं, अगर सही है तो एफआईआर दर्ज कीजिए. यह हमारा डाटा और मैनेजमेंट का दफ्तर है. कुछ समय पहले ही यह दफ्तर लिया है इसमें सीसीटीवी नहीं है, लेकिन पास में ही बैंक है, उसमें सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. हम निवेदन करेंगे की हितेश और पारस नाम के जो लोग हमारे यहां आए उनके कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन निकाली जाए जिससे दूध का और दूध और पानी का पानी हो.
आप के दफ्तर पर रेड, कब क्या हुआ?
गुजरात में आप की कोर टीम के मेंबर आदित्य जैन ने बताया कि नौ से साढ़े नौ बजे का समय रहा होगा. रात में एक बाइक पर तीन पुलिस वाले आए और ऑफिस में आ गए. दफ्तर के बाहर स्टाफ के दो-तीन बच्चे थे, कौन से सवाल जवाब करने लगे कि आप कौन हैं, क्या करते हैं तो लड़के घबरा गए. उनके सवाल थे कि आप क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं, एक-एक चीज वो जानना चाहते थे. जो भी पेपर उनको दफ्तर में दिख रहा था वे सब को खोल-खोल कर देख रहे थे कि यह क्या है. हर डायरी का एक-एक पन्ना देखा गया. फिर उन्होंने लैपटॉप देखा कि लैपटॉप पर क्या कर रहे हैं. रेड लगभग 2 घंटे तक चली. कुछ जब्त करने लायक नहीं था इसलिए जब्त तो नहीं हुआ. सादी वर्दी में आए थे, लेकिन उन्होंने अपना आईडी कार्ड दिखाया था कि हम लोग गुजरात पुलिस से हैं. जब हमने कहा कि आपके पास सर्च की कोई अथॉरिटी नहीं है तो उन्होंने स्ट्रांगली जवाब दिया या तो हमें जो करना है, करने दीजिए वरना उठा कर ले जाएंगे. रेड के समय लगभग 6-7 लोग थे, क्योंकि रात का समय था इसलिए कम थे. मेरे हिसाब ऑफिस में कोई CCTV नहीं है.