आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम (Essential Commodities Amendment Act) का कड़ा विरोध किया. साथ ही सांसद भगवंत मान (AAP MP Bhagwant Mann ) ने उस दावे को भी खारिज किया है जिसमें कहा गया कि संसद में पेश हुई एसेंससियल कॉमोडिटी के समर्थन में भगवंत मान ने साइन किया है. सांसद भगवंत मान ने यह बात आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही है. उन्होंने बताया कि उसमें 31 सांसद हैं और उसमें मैंने इसका विरोध किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद भगवंत मान ने कहा कि संसद में जो रिपोर्ट पेश हुई है एसेंसियल कॉमोडिटी को लेकर कहा गया है कि भगवंत मान ने भी उसमें हस्ताक्षर किया है.
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उन्होंने आगे बताया कि 16 दिसंबर 2020 को मैंने कमेटी की मीटिंग में बोला था कि सरकार को जरूरी वस्तुओं की कीमतों के निर्धारण को अपने हाथ में रखना चाहिए. डिमांड सप्लाई के फॉर्मूले का जिक्र किया था. मैंने उसमें कहा था कि प्याज टमाटर जैसी जरूरी वस्तुओं तक की कीमत को बाजार के हाथ में नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अकाली दल और कांग्रेस वाले मुझ पर भड़के थे कि भगवंत मान ने उसका विरोध नहीं किया था. लेकिन मेरे पास सबूत है, लिखित में भी और ऑडियो में भी. सांसद भगवंत मान ने कहा कि 5 जून 2020 की मीटिंग के मिनट्स जारी करें हरसिमरत कौर बादल, जिस मीटिंग में पहली बार कृषि कानूनों के मसौदे पर बात हुई थी.
भगवंत माने ने कहा कि तीन दिन में वे जारी करें कि फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर के रूप में उनसे क्या पूछा गया था, उन्होंने कहा कहा था. उन्होंने अकाली दल और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता और किसानों को मिल रहे हमारे समर्थन से दोनों पार्टियां बौखलाहट में हैं.
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