दिल्ली में छठ पूजा को लेकर AAP और बीजेपी आमने-सामने, बांसुरी स्वराज और सौरभ भारद्वाज ने साधा एक दूसरे पर निशाना

छठ पूजा को लेकर चिराग दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव देखने को मिल रहा है.

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दिल्ली में छठ पूजा को लेकर AAP और बीजेपी आमने-सामने, बांसुरी स्वराज और सौरभ भारद्वाज ने साधा एक दूसरे पर निशाना
नई दिल्ली:

दिल्ली के शेख सराय इलाके में छठ पूजा को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और बीजेपी आमने सामने हैं. जिस ग्राउंड को लेकर विवाद है वो डीडीए का है, इस ग्राउंड पर बीजेपी नेता सूरज चौहान पिछले 16 साल से छठ पूजा करवा रहे हैं. इस बार भी सूरज ने डीडीए से परमिशन ली और फीस जमा की. सूरज के पास दिल्ली पुलिस की परमिशन है. इस इलाके में बिहार और पूर्वांचल के काफी वोटर हैं.

विवाद तब शुरू हुआ जब आम आदमी पार्टी, दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले SDM की परमिशन लेकर आ गई और मैदान में साफ सफाई कर रही थी. JCB का काम बंद करवा दिया गया. इसके बाद विवाद बढ़ता गया. पिछले साल भी आप और बीजेपी में विवाद हुआ था. लेकिन छठ पूजा सूरज चौहान ने ही करवाई थी. सूरज की पत्नी एक बार बीजेपी से पार्षद का चुनाव लड़ चुकी है. लेकिन आप उम्मीदवार से मामूली अंतर से हार गई थी. सौरभ भरद्वाज इसी इलाके से MLA हैं. तब से सूरज चौहान और सौरभ भरद्वाज में किसी न किसी बात को लेकर निजी विवाद भी चलता रहा है. 

सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देखिए यहां पर सारा गांव खड़ा है बांसुरी स्वराज के साथ कौन से गांव के लोग खड़े हैं उनके साथ सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं. मेरे पास भागवत गीता है वहां से सूरज जी यहां पर आ जाए भगवत गीता पर हाथ रखकर कसम खाए कि ये हमारा पूर्वांचल भाई विश्वजीत पिछले 8 साल से छठ पूजा का आयोजन कर रहा है या नहीं. बांसुरी जी को मैं कहता हूं कि वे यहां पर लोगों के बीच आए. 

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सौरभ भारद्वाज झूठ बोल रहे हैं : बांसुरी स्वराज
वहीं बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि सौरभ भारद्वाज जी झूठ बोलते हैं कह रहे हैं की बांसुरी स्वराज यहां पर नहीं है. आप देख सकते हैं कि मैं यहीं पर हूं. आप देखिए यहां पर घाट की खुदाई हो रही थी सौरभ भगत जी बार-बार झूठ बोल रहे हैं. घाट की खुदाई के वक्त सौरभ भारद्वाज ने खुद चाबी निकाल दी और यहां पर मौजूद लोगों से बतमीजी की.  चिराग दिल्ली गांव मेरा भी गांव हैं मेरे भी लोग यहां पर रहते है. अगर सौरभ जी को यहां पर पूजा करवानी थी तो उन्होंने दादा से परमिशन क्यों नहीं ली जिसके पास दादा की परमिशन है छठ की पूजन का आयोजन तो वही करेंगे. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हंगामा कर रहे हैं. 

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