दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन को लेकर मंगलवार को सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे की सुबह 11.30 अहम बैठक होने जा रही है. किसान संगठन आज आंदोलन तेज करने के लिए बड़ी घोषणा कर सकते हैं. इससे पहले शनिवार 5 दिसंबर को किसानों ने केंद्र सरकार को आज यानी 7 दिसंबर का अल्टीमेटम दिया था. गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए पांच किसानों की कमेटी बनाई थी. पर सरकार से अब तक बातचीत का कोई बुलावा नहीं आया है. लिहाजा आज की बैठक में अहम निर्णय लिए जा सकते हैं. किसान MSP की गारंटी, किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस जैसी मांगों के साथ आंदोलन जारी रखे हुए हैं.
राकेश टिकैत की दो टूक, 'किसानों के सारे मुद्दों के हल तक जारी रहेगा आंदोलन'
सीमाओं से किसानों के हटने को लेकर पहले ही यह साफ किया जा चुका है कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य, पिछले एक साल में आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसी मांगों को लेकर फिलहाल आंदोलन जारी रखेंगे.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि हमारे जो मुद्दे हैं जिनको लेकर बात करने के लिए हमने ये कमेटी बनाई थी, सरकार ने अभी तक हमें बात करने के लिए नहीं बुलाया है. किसानों पर मुकदमें वापसी, जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिजनों को मुआवजा और उनके परिवार को नौकरी देने के मामलों पर बात करना अभी बाकी है. सरकार अगर बात नहीं करेगी तो आंदोलन को फिर से पटरी पर लाया जाएगा.
राकेश टिकैत ने कहा जब तक हमारी मांगों का समाधान नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा