राजस्थान: स्कूल में लंच के दौरान बच्ची हुई बेहोश और हो गई मौत, डॉक्टरों ने कहा - "हार्ट अटैक..."

डॉक्टरों ने चेकअप के दौरान कहा कि उन्होंने प्राची को रिवाइव करने की पूरी कोशिश की लेकिन उसकी पल्स नहीं है, न ही वो सांस ले रही है और उसका बीपी भी बहुत कम हो गया है. डॉक्टरों ने कहा कि ये दिल का दौरा के लक्षण हैं. इसके बाद परिवार के सदस्य तुरंत ही उसे सीकर के बड़े अस्पताल लेकर गए लेकिन रस्ते में ही उसकी मौत हो गई.

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  • राजस्थान के सीकर जिले के दांतारामगढ़ में नौ वर्ष की प्राची कुमावत की अचानक दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई
  • प्राची चौथी कक्षा की छात्रा थी, जो लंच ब्रेक के दौरान बेहोश हो गई और उसे तुरंत पास के डॉक्टर के पास ले जाया गया
  • डॉक्टरों ने प्राची को पुनर्जीवित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी सांस और पल्स बंद हो गई, जिससे दिल का दौरा होने का संदेह जताया गया
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सीकर:

9 year old dies of heart attack symptoms  in sikar's DantaRamgarh

राजस्थान के सीकर के दांतारामगढ़ में रहने वाली एक 9 साल की बच्ची की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इस घटना ने लोगों को हैरान कर के रख दिया है. जानकारी के मुताबिक प्राची कुमावत चौथी क्लास में पढ़ती थी लेकिन अचानक ही मंगलवार की सुबह लंच ब्रेक के दौरान जब वह लंच के लिए बैठी और टिफिन खोलने के बाद अचानक ही बेहोश हो गई. इसके बाद टीचर्स उसे आननफानन में पास के डॉक्टर के पास ले गए. 

डॉक्टरों ने चेकअप के दौरान कहा कि उन्होंने प्राची को रिवाइव करने की पूरी कोशिश की लेकिन उसकी पल्स नहीं है, न ही वो सांस ले रही है और उसका बीपी भी बहुत कम हो गया है. डॉक्टरों ने कहा कि ये दिल का दौरा के लक्षण हैं. इसके बाद परिवार के सदस्य तुरंत ही उसे सीकर के बड़े अस्पताल लेकर गए लेकिन रस्ते में ही उसकी मौत हो गई.

आदर्श विद्या मंदिर स्कूल, जहां प्राची पढ़ती थी उस स्कूल के प्रिंसिपल नंद किशोर ने एनडीटीवी से कहा कि प्राची बीते 2-3 दिन से स्कूल नहीं आ रही थी क्योंकि उसे जुखाम था. हालांकि, जब वह सोमवार को स्कूल आई तो वह एकदम ठीक थी और वह सुबह की प्रेयर में भी आई थी. हालांकि, लंच के दौरान जब वह अपना लंचबॉक्स खोल कर बैठी तो अचानक ही बेहोश हो गई. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उसके लक्षण दिल के दौरे के हैं.

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प्राची का चेकअप करने वाली डॉक्टर सुभाष वर्मा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "स्कूल का स्टाफ और टीचर 9 साल की बच्ची को हमारे पास लाए थे, वह बेहोश थी और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उसकी बीपी की पल्स भी नहीं दिख रही थी और उसका दिल नहीं धड़क रहा था. हमने इसके बाद तुरंत ही सीपीआर दिया और ऑक्सीजन दिया और फिर उसे कुछ दवाई भी दी और इंजेक्शन लगाया और ड्रिप भी चढ़ाई. हमने उसे रिवाइव करने की पूरी कोशिश की लेकिन हमें एहसास हुआ कि उसकी कंडीशन बिगड़ती जा रही थी और फिर एंबुलेंस को बुलाकर उसे सीकर के बड़े अस्पताल ले जाया गया."

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प्राची के माता-पिता उसे सीकर के बड़े अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन रस्ते में ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद प्राची के अंतिम संस्कार के लिए उसके घरवाले उसे घर ले गए, परिवार ने उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया. सीएचसी डॉक्टर आरके जांगिद ने एनडीटीवी से कहा, "हमने लगभग डेढ घंटे तक उसे रिवाइव करने की कोशिश की. प्रारंभिक नजर में हमें लगा कि यह दिल के दौरे का मामला है और इसलिए हमने उसे इसका ट्रीटमेंट भी दिया और उसकी बॉडी ट्रीटमेंट का जवाब भी दे रही थी और इस वजह से हमने उसे एंबुलेंस में सीकर के अस्पताल में भेजा था. बिना पोस्टमार्टम के हम ये नहीं कह सकते कि असल में हार्ट अटैक ही था लेकिन जो लक्षण थे वो हार्ट अटैक के ही थे."

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