दूसरी लहर में सबसे ज्यादा लोग 'डेल्टा वैरिएंट' के शिकार, वैक्सीन की दोनों डोज लेने से घटी मौत की गुंजाइश: स्टडी

देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच व्यापक टीकाकरण अभियान चल रहा है. 18 साल से ऊपर के हर उम्र के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जा रही है.

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677 लोगों में से 592 लोगों ने टीके की दोनों खुराक ली (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई. अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और जरूरी दवाओं की किल्लत की खबरें आईं. हजारों लोगों की जान चली गई. अब दूसरी लहर का कहर कुछ कम होने के बीच नए-नए अध्ययन जारी हो रहे हैं. दूसरी लहर के दौरान Breakthrough इन्फेक्शन (टीके के बाद संक्रमण) को लेकर आईसीएमआर (ICMR) की स्टडी सामने आई है. स्टडी के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा लोग COVID-19 के 'डेल्टा वैरिएंट' के कारण संक्रमित हुए. साथ ही अध्ययन में खुलासा हुआ है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने से अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने की गुंजाइश काफी घट जाती है. 

स्टडी में कुल 677 लोगों के आंकड़ों को शामिल किया गया है, जो वैक्सीन की दोनों या एक डोज लेने के बाद संक्रमित पाए गए हैं. 677 लोगों में से 592 लोगों ने टीके की दोनों खुराक लिए थे. इनमें से 527 लोगों ने कोविशील्ड (Covishield) जबकि 63 ने कोवैक्सीन (Covaxin) लिया था.

वहीं, 85 लोग (Covishield: 77+ Covaxin : 8) ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन का एक डोज लगवाया था. ये आंकड़े 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इकट्ठा किए गए. 

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की स्टडी के मुताबिक, 86.69 प्रतिशत यानी 443 लोग डेल्टा, एल्फा, कप्पा, Delta AY.1 और Delta AY.2 के चलते संक्रमित हुए. 384 लोग डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमित हुए. दूसरी लहर में सबसे ज्यादा Delta वैरिएंट की वजह से लोग संक्रमित हुए. इसमें 9.8% लोगों को अस्पताल में दाखिले की जरूरत पड़ी जबकि दोनों खुराक लिए 0.4 प्रतिशत यानी 3 लोगों की मौत हुई. 

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वीडियो: डेल्टा वेरिएंट से पर्याप्त सुरक्षा के लिए वैक्सीन की दोनों डोज़ ज़रूरी

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