नागालैंड में राज्यपाल ला गणेशन के सम्मान में 7 दिन का राजकीय शोक, CM बोले- वो हमें प्रेरित करते रहेंगे

नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन के निधन पर राज्य में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि वो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे.

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नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन के पार्थिव शरीर को नमस्कार करते सीएम रियो व अन्य.

नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन के निधन के बाद उनके सम्मान में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. नागालैंड सरकार ने इस बात की घोषणा की. इस दौरान, राज्य में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहाँ इसे नियमित रूप से फहराया जाता है. ला गणेशन के निधन पर शोक जताते हुए नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि वो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. उन्होंने नागालैंड में एकता के बंधन को मजबूत करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया.

घर में गिरने से चोटिल हुए राज्यपाल का कल हुआ था निधन

मालूम हो कि नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन की शुक्रवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. बीते 8 अगस्त को चेन्नई के टी. नगर स्थित अपने आवास पर गिरने के बाद राज्यपाल के सिर में गंभीर चोट लगी थी. जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

16 से 22 अगस्त तक नागालैंड में राजकीय शोक

राज्यपाल के निधन के बाद नागालैंड में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. राज्य के मुख्य सचिव सेंतियांगर इमचेन की एक अधिसूचना का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिवंगत ला गणेशन के सम्मान में नागालैंड सरकार ने 16 से 22 अगस्त तक सात दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है.

नागालैंड की एकता और विकास के लिए किया कामः सीएम

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने राज्यपाल ला. गणेशन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. एक शोक संदेश में, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नागालैंड में एकता के बंधन को मजबूत करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया.

सीएम बोले- सर्वोच्च पद रहते हुए भी वे सरल और विनम्र थे

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "राज्य के सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी वे सरल, विनम्र और जमीनी स्तर से जुड़े रहे. उनके विनम्र स्वभाव ने उन्हें लोगों का प्रिय बना दिया और वे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. उनके साथ काम करने के दौरान मैंने उन्हें एक ईमानदार, सिद्धांतवादी, महान बुद्धिमता और नैतिक शक्ति वाले व्यक्ति के रूप में जाना, जो संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे. उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, शांत नेतृत्व और न्याय व एकता के आदर्शों के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण था.

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