दिल्ली में ड्रग्स के हॉट स्पॉट से NDTV की Ground Report, खुलेआम होती है नशे की ब्रिकी

Drugs Hot Spot in Delhi: राजधानी दिल्ली में ड्रग्स के 64 ऐसे हॉट स्पॉट हैं, जहां नशे की खुलेआम बिक्री होती है. पुलिस एक तरह से भगाती है तो नशाखोर और ड्रग्स माफिया दूसरी ओर भाग जाते हैं. लोगों के घर तक में घुस जाते हैं.

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नई दिल्ली:

Drugs Hot Spot in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली, जहां रोजी-रोटी की तलाश में अलग-अलग राज्यों से आए लाखों लोग रहते हैं. यूं तो दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली में अलग-अलग कोनों में ड्रग्स माफियाओं के ऐसे सिंडिकेट हैं, जो पुलिस की सख्ती के बावजूद खुलेआम नशे की लंका चला रहे हैं. दिल्ली में कम से कम ड्रग्स के 64 ऐसे हॉट स्पॉट बताए जाते हैं, जहां से ड्रग्स की खुलेआम बिक्री होती है. ऐसा नहीं कि दिल्ली पुलिस इससे बेख़बर है. उसने इनके खिलाफ ऑपरेशन लंका चला रखा है. इसके नतीजे भी दिखने लगे हैं. लेकिन ये सच है कि दिल्ली में पांव पसारते ड्रग्स के इस ख़तरे से निबटना अब तक एक चुनौती बना हुआ है.

नंद नगरीः बाहर से घर पर ताला, अंदर से नशे की होती ब्रिकी

हाल ही में उत्तरी पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी से एक वीडियो सामने आया था, जहां एक घर से लोग ड्रग्स खरीदते नजर आ रहे थे. गूगल मैप और स्थानीय लोगों से पूछते हुए जब NDTV की टीम उस घर तक पहुंची तो बाहर से गेट पर ताला लगा दिखा. लेकिन आस-पास के घरों में रहने वाली महिलाओं ने बताया कि घर का गेट दिखावे के लिए बंद है. दूसरी तरफ से ड्रग्स की बिक्री होती है. हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. 

एक तरफ ड्रग्स के सौदागरों के ख़िलाफ़ पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. दूसरी तरफ़ धड़ल्ले से ड्रग्स बिकती है. ये दिल्ली की हकीकत है. कई इलाके हैं, जहां बच्चा-बच्चा जानता है कि ड्रग माफिया कौन हैं और नशा कहां मिलता है.

नशे से बर्बाद होने वालों दर्द सुन कलेजा फट जाता है

पुलिस और ड्रग माफिया की इस लड़ाई के बीच नशे से बर्बाद हो रहे नौजवानों और उनके परिवारों का दर्द ऐसा है कि सुनकर कलेजा फट जाता है. दिल्ली में कहाँ-कहाँ है नशे की लंका. पुलिस कैसे इस लंका को जलाने की कोशिश कर रही है… नशे से बर्बाद परिवारों की दास्तान और बच्चों को कैसे नशे से दूर किया जा सकता है, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में.

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नंदनगरी का जी ब्लॉक, जहां से खुलेआम होती है ड्रग्स की ब्रिकी

उत्तरी पूर्वी दिल्ली का नंद नगरी इलाका भी दिल्ली में ड्रग्स बेचने और खरीदने वालों के लिए एक हॉटस्पॉट है. यहां के लोगों ने NDTV को एक वीडियो भेजा… जहां एक मकान से कुछ युवाओं पर कथित तौर पर ड्रग ख़रीदने का आरोप है. नंद नगरी के जी ब्लॉक में लोगों ने शिकायत की है कि यहां ड्रग्स धड़ल्ले से बेचा जा रहे हैं. ये इलाक़ा ख़तरनाक है क्योंकि बहुत सारे नशा ख़रीदने वाले लोग यहाँ आते हैं.

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दिल्ली में ड्रग्स की ब्रिकी के कुख्यात हॉट स्पॉट में एनडीटीवी.

एनडीटीवी का कैमरा देख लोगों ने दिखाई हिम्मत, बताई कहानी

नंद नगरी के डी ब्लॉक की गलियों में जैसे जैसे हम अंदर जाते रहे…ड्रग्स बिकने के खिलाफ ग़ुस्सा और ड्रग माफिया का डर…लोगों के चेहरों पर दिखने लगा. स्थानीय लोगों ने कहा कि ड्रग माफिया साहब यहां लोगों पर हमले करवा देते हैं कौन उनसे भिड़ेगा. पुलिस की जब हिम्मत नहीं होती है तो हमारी कौन बिसात है.

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एक स्थानीय ने बताया कि यहां कई बार गोली चल चुकी है. मेरे मुँह से ड्रग कौन बेच रहा क्यों सुनना चाहते हो अंदर जाओं लोग आपको बताएँगे.

नंदनगरी की गलियों में कई संदिग्ध लोग खड़े दिखे 

नंदनगरी की इन गलियों में स्थानीय लोगों के अलावा कई संदिग्ध खड़े मिले. NDTV के कैमरे को देखकर कई लोगों ने हौसला दिखाया. फिर उन्होंने जो बातें बताई वो राजधानी के लिए शर्म की बात है और हमारे लिए हैरान कर देने वाली थी. एक ने यहां तक कह दिया कि आप आज कैमरा लेकर आए हैं ये देखिए ये सब ड्रग्स खरीदने के लिए खड़े हैं.

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पुलिस के आते देख जबरन घर में घुस जाते हैं नशाखोर 

ड्रग्स इस गली में आप चले जाए पता लग जाएगा कि कौन ड्रग्स बेच रहा है. रात-रात भर यहाँ भीड़ लगी रहती है. नशा ख़रीदने वालों की, हम लोग बहुत परेशान है. पुलिस जब आती है तो ये भागकर ज़बरदस्ती लोगों के घरों में घुस जाते हैं. नंदनगरी के जी ब्लॉक में आख़िरकार उस मकान तक पहुंचे, जिसकी शिकायत स्थानीय लोग कथित तौर पर ड्रग्स बेचने के लिए कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के भेजे वीडियो से मेल खाता यहां पुलिस बेरीकेड भी लगा है.

पड़ोस में रहने वाली महिला ने बताया ड्रग्स माफिया का राज

इस मकान पर लोग ड्रग्स बेचने का आरोप लगा रहे हैं. यहां पुलिस की बेरीकेट भी लगी है जो दिख रहा है लेकिन मकान के बाहर से ताला लगा है फिर कैसे लोग ड्रग्स ख़रीदते होंगे..एक महिला ने बताया कि मैं इनके पड़ोस में रहती हूँ. ये देखने के लिए बाहर से ताला लगा है लेकिन अंदर एक सुराख़ है. वहीं से ड्रग्स बेचती है इसका नाम सीमा है. मैंने पुलिस को शिकायत भी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है.

गाजियाबाद, लोनी, करावल नगर तक से आते हैं लोग

स्थानीय लोगों ने जो NDTV को सीसीटीवी भेजा है उसमें साफ़ दिख रहा है कि पुलिस ने कई बार मकान पर छापा मारा है लेकिन इसके बावजूद ड्रग्स का काम बंद नहीं हुआ. आज भी गली-गली में कई नौजवानों ने हमें ड्रग्स और उसके रैपर दिखाएँ जिनसे पता चलता है कि पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद अभी भी ड्रग्स का सिंडिकेट ऑपरेट कर रहा है. गाजियाबाद, लोनी, करावल नगर कहां-कहां से लोग यहाँ ड्रग्स ख़रीदने आते हैं.

लेकिन ऐसा नहीं है कि पुलिस ने ड्रग्स बेचने वालों की लंका न लगाई हो. कभी ड्रग्स ब्रिकी के लिए लंका नाम से मशहूर सदर बाज़ार की प्रियदर्शिनी कॉलोनी में पुलिस ने कैसे ड्रग माफियाओं पर शिकंजा कसा है.

प्रियदर्शनी बाजारः सदर बाजार स्थित ड्रग्स का लंका, जो अब हुआ शांत

सदर बाजार इलाका दिल्ली का सबसे भीड़भाड़ वाला इलाक़ा है. दिल्ली में कारोबार का बड़ा हब है, लेकिन यहीं पर ड्रग की लंका के नाम से कुख्यात प्रियदर्शनी कॉलोनी है. लेकिन तीन महीना पहले यहां की कई गलियों में लगे सीसीटीवी कैमरे से पुलिस ने कई संदिग्ध की पहचान की. 

CCTV देखकर पुलिस वाला बोल रहा मनोज इसकी तलाशी लो, जेब चेक कर. सीसीटीवी ही नहीं इस कॉलोनी में लगातार नशे के कारोबारियों पर ज़मीनी एक्शन भी हो रहा है. पुलिस वाले घर पर दस्तक देते ही कहते हैं दरवाज़ा खोलो ये क्या है इसमें क्या रखा है... कहते हुए सामानों की तलाशी लेते है.

पुलिस की लगातार कार्रवाई से कई ड्रग लीडर घर में ताला मारकर भागे

अँधेरी गलियों में ड्रग्स डीलरों के छिपने की तमाम जगह है. बगल में रेलवे ट्रैक होने से ये इस तरह से भाग निकलते हैं. इस तरह की लगातार पुलिस कार्रवाई से कई ड्रग डीलर घरों में ताला लगाकार भाग चुके हैं और 27 ड्रग माफिया पर मामला दर्ज करके उनको जेल भेज दिया गया है. यहीं एक ड्रग डीलर का घर मिला, जो फ़िलहाल फ़रार है. उसके घर पुलिस वक्त वक़्त पर रेड करती रहती है.

  • स्थानीय लोगों ने कहा कि 4 महीना पहले यहां जीवन मुहाल था, रात-दिन लोग नशा ख़रीदने आते थे. आज शांत है, पुलिस का धन्यवाद.
  • कोई बच्चे और महिलाएँ जो नशे के कारोबार में लगी थी. अब पुलिस के सहयोग से इनको छोटा मोटा रोज़गार मुहैय्या करवाने में मदद की गई है.
  • DCP, उत्तरी दिल्ली राजा बंठिया ने कहा कि यहां ड्रग डीलरों के खिलाफ नहीं बल्कि ड्रग्स खरीददारों पर भी एक्शन हुए हैं. कई लोगों पर केस दर्ज हुए.

लेकिन नशा और उसका तरीक़ा लगातार बदल रहा है. कुछ दवाओं का इस्तेमाल भी अब नशे के तौर पर होने लगा है और कुछ नशे को केमिकल के ज़रिए और जानलेवा बनाया जा रहा है. ऐसे ही कुछ दवा हैं जिनको नशे के तौर पर इस्तेमाल करने का ट्रेंड बढ़ रहा है.

वे दवाएं, जो नशे के रूप में होती है इस्तेमाल

  • Fentanyl— पेन किलर के तौर पर यूज़ होती है, लेकिन 70 फ़ीसदी ड्रग्स संबंधी मौतों के लिए ये ज़िम्मेदार है. 
  • Methamphetamine— इसका नशा दिमाग पर असर करता है और खुशी महसूस करने वाली नर्व्स को बदल देता है इससे इंसान को इमोशनल दिक्कत शुरू हो जाती है.
  • Alprazolam— इसका नशा इंसान में बेचैनी, खुशी पैदा करता है ये सबसे ज्यादा मिलने वाला नशा है

एम्स के डॉक्टर ने बताया- केमिकल मिलाकर ड्रग्स को और स्ट्रांग बनाया जा रहा

NDDTC AIIMS के DR विश्वादीप ने बताया कि एम्स ने सर्वे कराया तब पता चला कि ड्रग्स लेने की उम्र धीरे-धीरे धीरे घट रही है. पहले नेचुरल नशे का दौर था अब केमिकल को मिलाकर नशे को और स्ट्रांग बनाया जा रहा है. साथ ही कई मेडिसिन को भी नशे के तौर पर एब्यूज किया जा रहा है.

784 जगहों पर छापेमारी कर दिल्ली पुलिस ने 64 हॉटस्पॉट की पहचान की

दिल्ली पुलिस ने इन्हीं सारी चुनौतियों से निपटने के लिए आपरेशन कवच की शुरुआत की. दिल्ली में करीब 784 जगहों पर छापेमारी करके दो हज़ार से ज़्यादा लोगों को पकड़ा. दिल्ली में 64 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है. लेकिन सवाल ये उठता है कि दिल्ली में ड्रग्स आते कहाँ से है और नंदनगरी जैसे हॉटस्पॉट को ख़त्म करने की क्या रणनीति है?

अब नशे से बर्बाद कुछ नौजवानों की कहानी भी जान लीजिए

नशा करके एक शख्श हिल रहा है, उसके बैकग्राउंड में किया है. दिल्ली की सड़कों पर बहुत सारे इस तरह के नशेड़ी हैं, जो पंचर जोड़ने वाले सल्यूशन के ज़रिए नशा करके अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हैं. इसका शरीर पूरा हिल रहा है और नशे ने इसको पैरासाइट कर दिया है..

स्कूल जाने वाले बच्चे की ड्रग्स ने बर्बाद की जिंदगी

इस तरह का नशा करके कई हंसते खेलते परिवार बर्बाद हो गए. AIIMS के डिएडिक्शन सेंटर में एक बुजुर्ग महिला नशा करने वाली अपने पोते के साथ डॉक्टर विश्वादीप के पास आई है. नशे ने इनके जवान पोते की जिंदगी ख़राब कर दी. बुजुर्ग महिला ने कहा कि स्कूल जाता था, पढ़ने में बहुत अच्छा था लेकिन हमें तीन साल बाद पता चला कि ये ड्रग्स ले रहा है. स्कूल जाना छुड़वा दिया था फिर ये नशा करने वाले बच्चों के संगत में आ गया नशा करने लगा.

पंजाब से इलाज कराने एक लड़का आया था. उसी के साथ मेरी दोस्ती हो गई. पहले मैं उसके लिए लाता था फिर मैं खुद नशा करने लगा. मेरे कई दोस्त नशा करने के लिए सामान चुराते थे..मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई मैं पच्चीस साल का हूँ लेकिन मैं कुछ नहीं करता हूँ.

नशे के खिलाफ समाज को भी होना पड़ेगा खड़ा

डॉ. विश्वदीप ने आगे बताया कि नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस मुस्तैदी से कार्रवाई कर रही है. लेकिन एक समाज के तौर पर आपको भी नशे के सौदागरों और इसको बढ़ावा देने वाली गतिविधियों से लोगों और ख़ासतौर पर बच्चों को सावधान रखना पड़ेगा तभी नशे के खिलाफ इस मुहिम को मजबूती मिलेगी.
 

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