शिलांग के पश्चिम जयंतिया हिल्स में असम-मेघालय सीमा विवाद को लेकर हुई झड़प के कुछ घंटे बाद असम की एक एसयूवी को मंगलवार रात मेघालय की राजधानी शिलांग में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी. दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया, जिससे एसयूवी पूरी तरह से जल गई, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
वेस्ट कार्बी आंगलोग जिले में असम-मेघालय सीमा पर कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वन कर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को टैग करते हुए एक ट्वीट में शिकायत की है कि असम पुलिस और वनकर्मी मेघालय में घुसे और बिना उकसावे के गोलीबारी करनी शुरू कर दी. संगमा की पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी है.
हालांकि, असम पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि ट्रक को राज्य के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में राज्य के वन विभाग की टीम ने रोका तो मेघालय की तरफ से लोगों की भीड़ ने इस टीम और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसके कारण असम की ओर से हालात पर काबू पाने के लिए गोली चलाई गई.
संगमा ने कहा, ‘‘पश्चिमी जैंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में मारे गये छह लोगों में से पांच लोग मेघालय के निवासी हैं, जबकि असम के एक वनकर्मी की मौत हुई है.'' इसके विपरीत असम पुलिस ने एक वन कर्मी समेत मृतकों की संख्या केवल चार बताई है.
संगमा ने ट्वीट किया, ‘‘मेघालय सरकार इस घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है जिसके तहत असम पुलिस और असम के वनकर्मियों ने मेघालय में घुसकर बिना उकसावे के गोलीबारी की. मेघालय सरकार न्याय दिलाने के लिए सभी कदम उठायेगी. इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, "मेघालय के मुक्रोह में हुई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण गोलीबारी की घटना से मैं स्तब्ध और अत्यंत दुखी हूं, जिसमें असम के 5 निर्दोष नागरिकों और एक वन रक्षक की जान चली गई. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवारों के साथ हैं".
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने लिखा, "कोनराड संगमा और हिमंत विश्व शर्मा कब तक सीएम रहेंगे. मेघालय को हल्के में लेना? मेघालय के लोग कब तक भय और असुरक्षा में जिएं? यह अन्याय कब तक चलेगा?आज की घटना सरकार की अक्षमता को उजागर करती है, अपने ही लोगों को विफल कर रही है".
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