भारत के अगले चीफ जस्टिस सूर्यकांत के वो 15 बड़े फैसले, जिन्होंने नई लकीर खींच दी

भारत के 53वें चीफ जस्टिस नियुक्त जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को पद ग्रहण करेंगे. वह करीब 15 महीने चीफ जस्टिस रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट में करीब 300 बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • कानून मंत्रालय ने जस्टिस सूर्यकांत को भारत का 53वां चीफ जस्टिस बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है
  • जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में करीब 300 बेंचों में रहे हैं और उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं
  • उन्होंने अनुच्छेद 370, बिहार SIR, वन रैंक-वन पेंशन, पेगासस स्पाइवेयर जैसे मामलों पर निर्णय दिए हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

जस्टिस सूर्यकांत को भारत का 53वां चीफ जस्टिस बनाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. कानून मंत्रालय के न्याय विभाग के मुताबिक, वह चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के रिटायरमेंट क बाद 24 नवंबर को पद ग्रहण करेंगे. वह करीब 15 महीने चीफ जस्टिस रहेंगे और 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे. जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में करीब 300 बेंच का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिनमें अनुच्छेद 370 निरस्त करने, बिहार मतदाता सूची संशोधन, पेगासस स्पाइवेयर मामला, भ्रष्टाचार और लैंगिक समानता पर फैसले और आदेश प्रमुख हैं. आइए उनके फैसलों के बारे में विस्तार से बताते हैं. 

पहले जस्टिस सूर्यकांत को जान लें

  • जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा में हिसार जिले के पेटवार गांव में 10 फरवरी 1962 को एक शिक्षक परिवार में हुआ. 
  • उनकी आठवीं तक की पढ़ाई गांव के स्कूल में ही हुई. उस स्कूल में बेंच तक नहीं थीं. 
  • उन्होंने पहली बार कोई शहर तब देखा, जब 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने हिसार के हांसी कस्बे गए थे. 
  • 1981 में हिसार के गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन और बाद में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. 
  • 1984 में कानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने हिसार की जिला अदालत से वकालत की शुरूआत की. 
  • 1985 में वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ आ गए. 
  • जुलाई 2000 में उन्हें एडवोकेट जनरल बनाया गया. वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल थे. 
  • उन्हें मार्च 2001 में सीनियर एडवोकेट और जनवरी 2004 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी जज बनाया गया. 
  • 5 अक्टूबर 2018 को उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ ली. 
  • हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से 24 मई 2019 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने. अब भारत के चीफ जस्टिस बने हैं.

जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले

  1. जस्टिस सूर्यकांत हाल ही में राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों से निपटने में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों से संबंधित राष्ट्रपति के परामर्श पर सुनवाई करने वाली बेंच में रहे हैं. इस फैसले का असर कई राज्यों पर पड़ेगा.
     
  2. जस्टिस सूर्यकांत उस बेंच का भी हिस्सा थे, जिसने औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून को स्थगित रखा था तथा निर्देश दिया था कि सरकार के समीक्षा करने तक इसके तहत कोई नयी एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी.
     
  3. जस्टिस सूर्यकांत ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखे गए 65 लाख वोटरों का ब्योरा सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था. 
     
  4. जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और लैंगिक न्याय पर जोर देने वाले एक आदेश में उन्होंने एक ऐसी बेंच की अगुआई की जिसने गैरकानूनी तरीके से पद से हटाई गई एक महिला सरपंच को बहाल किया और मामले में लैंगिक पूर्वाग्रह को उजागर किया.
     
  5. जस्टिस सूर्यकांत को यह निर्देश देने का श्रेय भी दिया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित बार एसोसिएशनों में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं.
     
  6. वह उस बेंच का भी हिस्सा थे जिसने 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की थी.
     
  7. जस्टिस सूर्यकांत ने रक्षा बलों के लिए ‘वन रैंक-वन पेंशन' योजना को भी बरकरार रखा था और इसे संवैधानिक रूप से वैध बताया था.  सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन में समानता की मांग करने वाली महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर भी सुनवाई की.
     
  8. एक अन्य अहम मामले में उन्होंने उत्तराखंड में चार धाम परियोजना को बरकरार रखा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को संतुलित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके सामरिक महत्व पर जोर दिया.
     
  9. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने पॉडकास्टर रणवीर इलाहबादिया को अपमानजनक टिप्पणियों के लिए चेतावनी देते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सामाजिक मानदंडों का उल्लंघन करने का लाइसेंस नहीं है.
     
  10. उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने इंडियाज गॉट लेटेंट के मेजबान समय रैना समेत कई स्टैंडअप कॉमेडियन को अपने शो में दिव्यांगों का मजाक बनाने के लिए फटकार लगाई थी और केंद्र से ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया था.
     
  11. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग के लिए चर्चा में आईं कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के लिए मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की खिंचाई की थी और कहा था कि मंत्रियों को हर शब्द पूरी जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए.
     
  12. उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के आबकारी नीति मामले में जमानत देने वाली पीठ का भी नेतृत्व किया था और कहा था कि सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता' की धारणा दूर करने के लिए काम करना चाहिए.
     
  13. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में जस्टिस सूर्यकांत ने अदालतों को आगाह किया कि पितृत्व विवादों में डीएनए टेस्ट का आदेश देते समय वह प्राइवेसी के उल्लंघन के प्रति सचेत रहें.
     
  14. सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन के बाद से जस्टिस सूर्यकांत 300 से अधिक बेंचों का हिस्सा रहे हैं. वह 7 जजों की उस बेंच में भी थे, जिसने 1967 के एएमयू के फैसले को खारिज किया था, जिससे उसके अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का रास्ता खुला था.
     
  15. जस्टिस सूर्यकांत उस बेंच में भी थे जिसने 2021 में इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए लोगों की निगरानी मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की तीन सदस्यीय कमिटी नियुक्त की थी. 
Featured Video Of The Day
Pakistan Vs Afghanistan: TTP के हमले में पाकिस्तानी सेना के कैप्टन समेत 7 जवानों की मौत |Syed Suhail