दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अधीर रंजन चौधरी, के.सी. वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के 459 कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं करने पर हिरासत में ले लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं के साथ मारपीट करने और उनके चोटिल होने संबंधी आरोपों की गंभीरता से जांच की जाएगी.
नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ के खिलाफ दिल्ली में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया.
विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके कुछ नेताओं के साथ पुलिस ने मारपीट की. कांग्रेस ने शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना भी साधा. अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता सोमवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए.
विरोध-प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को अकबर रोड, जहां कांग्रेस मुख्यालय स्थित है, क्यू प्वाइंट एपीजे कलाम रोड और मान सिंह रोड से हिरासत में लिया गया तथा उन्हें मंदिर मार्ग, तुगलक रोड और फतेहपुर बेरी थानों में ले जाया गया.
हालांकि, पुलिस ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 100 वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को अकबर रोड और मौलाना आजाद रोड चौराहे से पार्टी मुख्यालय में प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जिनकी सूची पहले से उपलब्ध कराई गई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि नयी दिल्ली में हिरासत में लिए गए 459 लोगों में अधीर रंजन चौधरी, के.सी. वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित 11 राज्यसभा सदस्य, विभिन्न राज्यों के पांच विधायक और पार्टी के पदाधिकारी शामिल हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस द्वारा हिरासत में ली गईं कांग्रेस की सभी महिला कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को रिहा कर दिया गया है और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है.