दिल्ली पुलिस की 45 साल की ASI ललिता का कमाल, नीदरलैंड में हुए वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में जीते 5 गोल्ड मेडल

दिल्ली पुलिस की 45 साल की ASI ललिता माधवाल ने नीदरलैंड (Netherland) में हुई वर्ल्ड पुलिस और फायर गेम्स में 5 गोल्ड और 1 सिल्वर मैडल जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है.  

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ललिता राष्ट्रपति भवन में पोस्टिड है. 

नई दिल्ली:

एक तरफ कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं और उनकी हौसला अफजाई भी हो रही है. वही दिल्ली पुलिस की 45 साल की ASI ललिता माधवाल ने नीदरलैंड (Netherland) में हुई वर्ल्ड पुलिस और फायर गेम्स में 5 गोल्ड और 1 सिल्वर मैडल जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है.  दिल्ली पुलिस की असिस्टेंट सबइंस्पेक्टर ललिता (ASI Lalita Madhwal) ने उम्र के जिस पड़ाव में अपनी मेहनत से एथलेटिक्स में गोल्ड मेडलों का अंबार लगाया जिसके बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि अगर कुछ कर गुजरने का जनून है तो कोई भी मंज़िल पाना मुश्किल नहीं है. 

दिल्ली पुलिस की पीटी उषा के नाम से जानी जाने वाली एएसआइ ललिता माधवाल ने जुलाई में आयोजित विश्व पुलिस और फायर गेम्स में पांच स्वर्ण पदक (Gold Medal) और 1 सिल्वर मैडल जीता हैं. ललिता माधवाल ने 2000 मीटर स्टीपलचेज (बाधा दौड़) में नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया. उन्होंने 800 मीटर, 1500 मीटर, 5000 मीटर और 10000 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया, साथ ही 2000 मीटर स्टीपलचेज में एक नया विश्व रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण जीता और 400 मीटर की रिले दौड़ में सिल्वर मेडल जीता. इस तरह 5 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीतकर भारतीय पुलिस के साथ देश का परचम लहराया. उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो दिल्ली पुलिस के इतिहास में कोई नहीं कर पाया और वो भी उस उम्र में जब खेल को लोग अलविदा कह देते हैं. 

दिल्ली पुलिस ASI ललिता के मुताबिक उनका एक साथ 6 मेडल जीतने का सफर आसान नहीं था. उन्होने 1991 में रनिंग लगानी शुरू की थी. लेकिन परिवार की हालात और 1995 में भाई नरेंद्र की मौत के बाद उन्होने रनिंग छोड़ दी थी. उस वक्त उनके पास दौड़ने के लिए न तो अच्छे जूते थे और न दौड़ने की अच्छी जगह. उन्होने साल 2000 में दिल्ली पुलिस जॉइन की और बेस्ट कमांडो बनी. फिर 2003 में उनकी शादी हो गई और 2005 में बेटी हो गई.  बेटी होने के बाद वजन काफी बढ़ गया था.  फिर 2011 में 33 साल की होने पर दोबारा ट्रेनिंग शुरू की और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने एशिया मास्टर एंड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2014, 2016 और 2019 में जापान, सिंगापुर और मलेशिया में भी कई मैडल जीते. 

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ललिता मड़वाल ने बताया कि वो हर रोज सुबह 3:30 बजे उठकर रनिंग करती हैं,ललिता की 17 साल की बेटी बैडमिंटन खेलती है ,ललिता चाहती हैं कि उनकी बेटी एक दिन खेल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाये. बता दें, ललिता के 17 साल की एक बेटी है. उनहोने बताया कि पुलिस की नौकरी और बेटी को पालने के साथ ये सफर आसान नहीं था. लेकिन ललिता के पति रेलवे में प्रोटोकॉल अफसर होने के साथ एक स्पोर्टमैन हैं उन्होंने हर कदम पर ललिता का साथ दिया. फिलहाल ललिता राष्ट्रपति भवन में पोस्टिड है. 

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