यूपी और बिहार में औसत से 40 प्रतिशत कम बारिश, धान की बुवाई पर पड़ा असर

भारत मौसम विज्ञान विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ एम महापात्रा ने कहा, उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले कुछ हफ्तों में अच्छी बारिश हो सकती है

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उत्तर प्रदेश और बिहार में औसत से करीब 40 प्रतिशत कम बारिश होने से धान की बुवाई अच्छी नहीं हो सकी है (प्रतीकात्मक फोटो).
नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल डॉ एम महापात्रा (Dr M Mohapatra) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जून, जुलाई और अगस्त में धान की बुवाई अच्छी नहीं हो पाई है क्योंकि यहां मॉनसून की बारिश (Monsoon Rainfall) औसत से अब तक करीब 40 प्रतिशत कम हुई है. बिहार में भी जुलाई और अगस्त में बारिश औसत से करीब 40 फीसदी कम हुई है. झारखंड में मॉनसून रेनफॉल की डेफिशियेंसी 26-27% है. पश्चिमी राजस्थान में आज भारी बारिश का पूर्वानुमान है.

डॉ महापात्रा ने एनडीटीवी को बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार में खरीफ की फसलों में विशेष रूप से धान की फसल बेहद महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश में जून, जुलाई और अगस्त में धान की बुवाई अच्छी नहीं हो सकी है. यहां बारिश औसत से अब तक करीब 40 फीसदी कम हुई है. बिहार में भी जुलाई और अगस्त में बारिश औसत से करीब 40 प्रतिशत कम हुई है. झारखंड में मॉनसून रेनफॉल की डेफिशियेंसी 26-27 प्रतिशत है. 

उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले कुछ हफ्तों में अच्छी बारिश हो सकती है, लेकिन अब तक इन दोनों राज्यों में जो बारिश में कमी रही है उसको बचे हुए मॉनसून सीजन में मेकअप करना मुश्किल होगा. डॉ महापात्रा ने कहा कि आज हमने पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. 

कृषि मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा खरीफ सीजन में पिछले साल के मुकाबले इस साल बुवाई करीब 25 लाख हेक्टेयर कम इलाके में हुई है. धान की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 18 अगस्त, 2022 तक करीब आठ फीसदी कम है.

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