सिगरेट, गुटका, पान मसाला खाने वालों को दिवाली पर लगेगा झटका! इतने महंगे हो जाएंगे तंबाकू उत्‍पाद

40 Percent GST on TObacco Products: सिगरेट, तंबाकू, गुटका, पान मसाले और अन्‍य तंबाकू उत्‍पाद सिन गुड्स की कैटगरी में ही आते हैं. यानी दिवाली के बाद इन पर 40 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें केवल 5% और 18% टैक्स रहेगा.
  • तंबाकू उत्पादों और सिगरेट जैसी सिन गुड्स कैटेगरी पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्‍ताव दिया गया है.
  • वर्तमान में तंबाकू उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स भी लागू होते हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

40 Percent GST on Cigarette and Tobacco Products: 'नेक्‍स्‍ट-जेन जीएसटी' के तहत केंद्र ने मौजूदा 4 टैक्‍स स्‍लैब को घटाकर 2 तक सीमित करने का प्रस्‍ताव दिया है. नए प्रस्‍ताव पर जीएसटी काउंसिल की मुहर लगने के बाद नई दरें लागू हो जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दिवाली से नई जीएसटी व्‍यवस्था लागू  हो सकती है. मौजूदा 5, 12, 18 और 28 की जगह केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब का प्रस्‍ताव है.

हालांकि इसके अलावा एक विशेष कैटगरी सिन गुड्स (Sin Goods) की भी है, जिस पर भारी जीएसटी लगाया जा सकता है. सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर है कि सिन गुड्स पर 40 फीसदी जीएसटी लगाया जा सकता है. 

256 वाली सिगरेट 280 की पड़ेगी

सिगरेट, तंबाकू, गुटका, पान मसाले और अन्‍य तंबाकू उत्‍पाद सिन गुड्स की कैटगरी में ही आते हैं. यानी दिवाली के बाद इन पर 40 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. फिलहाल इन तंबाकू उत्‍पादों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है. इस हिसाब से देखें तो 256 रुपये में मिलने वाला सिगरेट पैकेट 280 रुपये में मिलेगा. इसी तरह गुटका, पान मसाला और अन्‍य तंबाकू उत्‍पाद भी महंगे हो जाएंगे. 

ये भी पढ़ें: क्‍या टैक्‍स फ्री होंगे खाने-पीने के सामान और दवाएं, कितने सस्‍ते हो जाएंगे TV, AC, फ्रीज?

क्‍या रेवेन्‍यू बैलेंस करने का है फॉर्मूला?

सिगरेट और बाकी तंबाकू उत्पादों पर कंपन्सेशन सेस और अन्य टैक्सों के साथ-साथ 28 फीसदी जीएसटी लिया जाता है. सिन गुड्स की कैटगरी में आने वाले उत्पादों पर कई तरह के टैक्स वसूले जाते हैं, जिनमें जीएसटी के अलावा एक्साइज ड्यूटी, कंपन्सेशन सेस, एनसीसीडी (National Calamity Contingent Duty) शामिल है. इससे, तम्बाकू उत्पादों पर कुल इनडायरेक्ट टैक्स का बोझ 53 फीसदी हो जाता है. 

सिन गुड्स की कैटगरी में आने वाले इन उत्‍पादों पर 31 मार्च 2026 को कंपन्सेशन सेस खत्म होने वाला है. ऐसे में  40 फीसदी जीएसटी लगाए जाने से तंबाकू उत्पादों से मिलने वाले रेवेन्यू को बरकरार रखा जा सकता है. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने तंबाकू उत्पादों की होने वाली बिक्री से कुल 72,788 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कलेक्‍ट किया था.  

Featured Video Of The Day
Stray Dogs से जुड़े SC के आदेश पर RSS Chief Mohan Bhagwat का बड़ा बयान, कहा- 'आबादी को नियंत्रित...'