''क्लास के लिए निकले, फिर वापस नहीं लौटे'': मणिपुर में तीन महीने में 30 लोग लापता

मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कम से कम 30 लोग लापता हैं. शिकायतों और दर्ज की गई बिना संख्या वाली प्रथम सूचना रिपोर्टों की संख्या को देखते हुए, यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है. 

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
गुवाहाटी:

47 वर्षीय एटम समरेंद्र सिंह की पत्नी कविता को अनहोनी का डर सता रहा है. 6 मई को, मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा के शुरुआती दिनों में, पत्रकार, रिसर्चर और सामाजिक कार्यकर्ता मिस्टर सिंह लापता हो गए. उसके बाद से उनकी कोई खबर नहीं आई है. यहां तक कि जो एक दोस्त जो उनके साथ था. जिसकी उम्र 48 वर्ष और नाम युमखैबम किरणकुमार सिंह है, वो भी वापस नहीं लौटा है. दोनों कांगपोकपी जिले की तलहटी की सीमा से सटे मणिपुर ओलंपिक पार्क के साहीबुंग क्षेत्र में गए थे, तब से उनके सेलफोन बंद हैं. उनके बारे में कुछ पता नहीं चल सका है.

मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कम से कम 30 लोग लापता हैं. शिकायतों और दर्ज की गई बिना संख्या वाली प्रथम सूचना रिपोर्टों की संख्या को देखते हुए, यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद तलाश की जाती है, लेकिन अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिली है. 6,000 से ज्यादा जीरो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. मिस्टर सिंह चाहते थे कि उनका बेटा वैज्ञानिक बने और उनके परिवार को मई में शिलांग की यात्रा करनी थी.

मिस्टर सिंह के बेटे एटम थोइहेनबा ने एनडीटीवी को बताया, "मेरे पिता ने बहुत मेहनत की और चाहते थे कि मैं शिलांग में आयोजित इसरो के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम में शामिल होऊं." उनकी मां ने कहा, "हम चाहते थे कि हमारा बेटा दिल्ली में पढ़ाई करे, अब मैं इसे कैसे संभालूंगी क्योंकि वह एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे." सिंह के चाचा एटम मेघजीत ने कहा, "परिवारों को कम से कम डीएनए परीक्षण के लिए नमूने दिए जाने चाहिए ताकि हम अंतिम संस्कार कर सकें. लेकिन मणिपुर सरकार ऐसा नहीं कर सकती और लापता लोगों को भी नहीं ढूंढ सकती."

पत्रकार और उसके दोस्त के लापता होने के ठीक दो महीने बाद, 6 जुलाई को इंफाल में एक और घटना घटी. 17 साल की हिजाम लुवांगबी लिनथोइंगांबी सुबह कर्फ्यू में ढील होने पर नीट कोचिंग क्लास के लिए अपने घर से निकली थी, उसे उसके प्रेमी - 17 वर्षीय फिजाम हेमनजीत भी मिला और दोनों बाइक पर निकल गए, यह सोचकर कि स्थिति में सुधार हो रहा है. लेकिन तब से वे भी लापता हैं. उनके माता-पिता ने दो अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि होती है कि उन्हें इंफाल घाटी में नंबोल इलाके की ओर जाते देखा गया था.

लड़की के पिता हिजाम कुलजीत ने कहा, "साइबर क्राइम पुलिस की रिपोर्ट है कि उसका फोन आखिरी बार क्वाक्टा में बंद हुआ था और लड़के का फोन लमदान में बंद हुआ था." दोनों स्थान दो अलग-अलग जिलों में स्थित हैं. घाटी और पहाड़ियों की सीमा पर स्थित इलाकों में बड़ी हिंसा देखी गई है. लड़की की मां जयश्री ने एनडीटीवी को बताया, ''चूंकि वह वापस नहीं लौटी, तब मैंने उसे फोन किया और उसने फोन उठाया. असल वह डरी हुई लग रही थी और कहा कि वह नंबोल में थी. जब मैंने पूछा कि वह नंबोल में क्यों थी और उससे अपना स्थान बताने के लिए कहा, ताकि उसके पिता आकर उसे ले जा सकें .

परिवारों को डर है कि उनके प्रियजनों को प्रताड़ित किया जा रहा है. पुलिस को पता चला है कि हेमनजीत का सेलफोन अब एक नए नंबर के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है. हेमनजीत के पिता फिजाम इबुंगोबी ने एनडीटीवी को बताया, "वह इलाका मुख्य सड़क... टिडिम रोड से सिर्फ 10 किमी अंदर है, लेकिन पुलिस वहां जाकर तलाशी लेने की हिम्मत नहीं करती." इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुएलज़ोंग ने कहा, "ऐसी खबरें हैं कि हमारे 44 लोगों के शव लापता हो गए हैं और अब इंफाल के अस्पतालों के मुर्दाघर में हैं, हमने अधिकारियों से उन शवों को दफनाने के लिए भेजने का अनुरोध किया है." .

Advertisement

ये भी पढ़ें : लंदन में भारतीय उच्‍चायोग पर हमले के मामले में NIA की पंजाब और हरियाणा में 31 जगहों पर छापेमारी

ये भी पढ़ें : सिंगापुर से रवाना हुए क्रूज जहाज से लापता भारतीय महिला के परिवार के संपर्क में है भारत सरकार

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Meat Ban: असंवैधानिक...मीट बैन पर Asaduddin Owaisi का बयान; Ajit Pawar ने भी उठाए सवाल