- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
- तेलंगाना में 3 वरिष्ठ माओवादियों ने 21 से 36 वर्षों तक अंडरग्राउंड रहने के बाद आत्मसमर्पण किया है.
- तेलंगाना पुलिस के अनुसार अब राज्य में माओवादी फिर से संगठित होने की संभावना नहीं है.
भारत से नक्सल अब बड़ी तेजी से समाप्त हो रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 को भारत से नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ राज्य सरकारें और राज्यों की टीम लगातार इस दिशा में काम कर रही है. इसी कड़ी में तेलंगाना में 3 दशक से अंडरग्राउंड रहे 3 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. तेलंगाना के तीन नक्सलियों के सरेंडर पर NDTV से DGP ने कहा- अब तेलंगाना में नक्सलियों का मजबूत होना नामुमकिन है.
36, 35 और 21 साल से छिपकर रह रहे नक्सलियों का सरेंडर
मिली जानकारी के अनुसार तेलंगाना में 36 साल, 35 साल और 21 साल से अंडरग्राउंड रहे तीन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसमें एक महिला नक्सली भी है. जो 21 साल से छिप कर रह रही थी. तेलंगाना पुलिस की ओर से 10 अक्टूबर को जारी प्रेस नोट में इन नक्सलियों के सरेंडर के बारे में बताया गया.
कई सालों से अंडरग्राउंड रहे इन तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर
- 1. कुनकती वेंकटैया उर्फ रमेश उर्फ रघु उर्फ विकास
वरिष्ठ माओवादी नेता (एससीएम), 36 साल से अंडरग्राउंड. - 2. मोगिलिचेरला वेंकटराजू उर्फ राजू उर्फ एर्रा राजू उर्फ चंदू उर्फ चंदर उर्फ पुन्नम चंदर उर्फ सतला बलराजू, एससीएम, एक वरिष्ठ माओवादी नेता, 35 सालों से अंडरग्राउंड
- 3. थोडेम गंगा उर्फ गंगाव्वा उर्फ सोनी, एससीएम 21 साल से अंडरग्राउंड
सरेंडर करने वाले तीन नक्सलियों में से दो पति-पत्नी है. इनके सिर पर 20-20 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था. प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार इन तीनों नक्सलियों पर घोषित 20-20 लाख रुपए का इनाम इन्हें दे दिया जाएगा. साथ ही तेलंगाना सरकार की ओर से घोषित पूनर्वास नीति के तहत इन्हें अन्य सुविधाएं दी जाएगी.
अब तेलंगाना में माओवादियों के फिर से संगठित होने की संभावना नहीं
तेलंगाना के डीजीपी बी. शिवधर रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना में माओवादियों के फिर से संगठित होने की कोई संभावना नहीं है. पिछले कुछ महीनों में तेलंगाना में 400 से ज़्यादा माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने वालों में 90% छत्तीसगढ़ के माओवादी हैं.
कई लोगों के मैसेज आ रहे कि वो सरेंडर करना चाहते हैंः डीजीपी
उन्होंने यह भी बताया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 1991 से ही आत्मसमर्पण की नीति सफल रही है. हमारे पास कई लोगों का यह मैसेज आ रहा है कि वो सरेंडर करना चाहते हैं. हम सक्रिय रूप से समर्पण करने वालों को प्रोत्साहित करते हैं.
बीते कुछ महीनों में 400 माओवादियों ने सरेंडर कियाः डीजीपी
डीजीपी ने यह भी कहा कि माओवादी पार्टी का सशस्त्र संघर्ष से नाता टूट गया है. माओवादी नेताओं को अहसास हो रहा है कि विचारधारा अब प्रासंगिक नहीं रही. अन्य राज्यों ने भी तेलंगाना का अनुकरण किया है. तेलंगाना के डीजीपी ने बताया कि बीते कुछ महीनों में 400 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से अधिकांश छत्तीसगढ़ के हैं.