ऑक्सफोर्ड के टीकों की खुराकों के बीच तीन महीने का अंतर बेहतर प्रभाव पैदा करता है : अध्ययन

अध्ययन में कहा गया है कि पहली खुराक (Vaccine Doses) 76 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है. ‘द लांसेट’ (The Lancet) पत्रिका में प्रकाशित तीसरे चरण के यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण के विश्लेषण के परिणाम बताते हैं कि खुराक के बीच अंतराल को सुरक्षित रूप से तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
शोधकर्ताओं में ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल हैं
नई दिल्ली:

एक नए अध्ययन के अनुसार ऑक्सफोर्ड (Oxford) द्वारा विकसित कोविड-19 टीके (Oxford Covid Vaccine) की खुराकों के बीच अंतराल छह सप्ताह होने के बजाय तीन महीने होने से बेहतर प्रभाव पैदा होता है और इससे अधिक संख्या में लोगों को टीके लगाकर उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जा सकती है. अध्ययन में कहा गया है कि पहली खुराक (Vaccine Doses) 76 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है. ‘द लांसेट' (The Lancet) पत्रिका में प्रकाशित तीसरे चरण के यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण के विश्लेषण के परिणाम बताते हैं कि खुराक के बीच अंतराल को सुरक्षित रूप से तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, खुराक का यह तरीका फायदेमंद है, चूंकि शुरुआत में टीके की आपूर्ति सीमित है और ऐसा करने से देशों की बड़ी आबादी का अधिक तेजी से टीकाकरण हो सकता है.

अमेरिकी कंपनी फाइजर का दावा, सामान्य फ्रिज में रखी जा सकती है उसकी कोरोना वैक्सीन

शोधकर्ताओं में ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल हैं. अध्ययन के मुख्य लेखक व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, "टीके की आपूर्ति सीमित होने की संभावना है, इसलिए नीति-निर्माताओं को यह तय करना होगा कि कम से कम समय में कैसे अधिक-से-अधिक लोगों को खुराक देकर तक उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा सके."

कोरोना वैक्सीनेशन में भारत ने हासिल किया अहम मुकाम, एक करोड़ से ज्यादा को लगी COVID वैक्सीन

पोलार्ड का मानना ​​है कि शुरू में ही सिर्फ एक खुराक देकर अधिक लोगों का टीकाकरण करने की नीति जनसंख्या के बड़े हिस्से को बीमारी से तत्काल संरक्षण प्रदान कर सकती है, बजाय कि इतने लोगों की आधी संख्या को ही टीके लगाए जाए, खासकर उन जगहों पर जहां ऑक्सफोर्ड के टीके की आपूर्ति सीमित है. उन्होंने कहा, "लंबी अवधि में, एक दूसरी खुराक से लंबे समय तक रहने वाली प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित की जानी चाहिए."

Advertisement

इस अध्ययन से, शोधकर्ताओं ने दूसरी खुराक के बाद सुरक्षा पर अलग-अलग अंतराल के प्रभाव को समझने की कोशिश की. उन्होंने ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में नैदानिक ​​परीक्षणों के डेटा को मिलाया, जिसमें कुल मिलाकर 17,178 वयस्क प्रतिभागी शामिल थे. शोधकर्ताओं ने कोविड-19 मामलों को कम करने के लिए टीके की एक या दो खुराक के प्रभाव का अनुमान लगाया है.

Advertisement
महाराष्ट्र के अमरावती और यवतमाल में मिले कोरोना के नए UK वेरिएंट

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)