आज सुबह वायुसेना के तीन विमानों से यूक्रेन में फंसे 600 से ज्यादा लोगों की भारत वापसी हुई है. ये तीनों विमान नई दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर उतरे हैं. भारत युद्धग्रस्त यूक्रेन के पड़ोसी देशों जैसे रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से अपने नागरिकों को निकाल रहा है क्योंकि रूसी सैन्य हमले के कारण 24 फरवरी से यूक्रेनी हवाई क्षेत्र बंद है.
भारतीय वायुसेना के बयान में कहा गया है, "अब तक, भारतीय वायु सेना (IAF) ने ऑपरेशन गंगा के हिस्से के रूप में 2,056 यात्रियों को वापस लाने के लिए 10 उड़ानें भरी हैं." वायु सेना के तीन विमानों ने शुक्रवार को हिंडन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. बयान में कहा गया, "इन उड़ानों ने रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड से 629 भारतीय नागरिकों को निकाला. इन उड़ानों ने भारत से इन देशों में 16.5 टन राहत सामग्री भी भेजी."
फिलहाल कम से कम 1,000 भारतीय - सूमी में 700 और खार्किव में 300 - अभी भी पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हुए हैं, सरकार ने शुक्रवार को कहा, उन्हें निकालने के लिए बसों की व्यवस्था करना अभी सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है. भारतीयों को वापस लाने के लिए आईएएफ के तीन सी-17 मालवाहक विमान शुक्रवार को हिंडन वायु सैनिक अड्डे से रवाना हुए थे, जो 629 भारतीय नागरिकों को लेकर शनिवार की सुबह वापस लौटे.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने फ्लाइट में यात्रियों के चढ़ने के वक्त का वीडियो भी शेयर किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ब्रीफिंग में कहा कि हम ऑपरेशन गंगा को तब तक जारी रखेंगे जब तक कि अंतिम व्यक्ति को बाहर नहीं निकाल लिया जाता. लगभग 2,000-3,000 (अधिक भारतीय) वहां (यूक्रेन में) होने की संभावना है, हालांकि ये संख्या इससे अलग भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमारा प्राथमिक फोकस भारतीय छात्रों को पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों से बाहर निकालना है.
इसलिए हम दोनों पक्षों (रूस और यूक्रेन) से आग्रह कर रहे हैं कि वे तरीके खोजें जिससे हम अपने नागरिकों को बाहर निकाल सकें. स्थानीय युद्धविराम से मदद मिलेगी. "बागची के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान रेस्क्यू मिशन के तहत भारत में 15 उड़ानें उतरीं, जिससे 3,000 से अधिक नागरिकों को वापस लाया गया.
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