Cyclone Biparjoy : चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' जिसका अर्थ तो 'आपदा' है, लेकिन यह गुजरात के तटीय इलाकों में करीब 300 परिवारों के लिए खुशी लेकर आया है. कच्छ के कलेक्टर अमित अरोरा ने NDTV को एक खास इंटरव्यू में बताया कि लगभग 270 गर्भवती महिलाओं को चक्रवात से पहले एहतियात के तौर पर विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया और उनका सुरक्षित प्रसव कराया गया.
अरोरा ने कहा, "हमने गर्भवती 512 महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया. उनमें से 274 ने बच्चों को जन्म दिया और घर चली गईं. बाकी अभी अस्पतालों में भर्ती हैं."
गर्भवती महिलाओं को दो दिन पहले ही अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया था. चक्रवाती तूफान ने आज शाम को दस्तक दी.
कच्छ के कलेक्टर अमित अरोरा ने कहा कि, ''हवा की गति बढ़ गई है और लैंडफॉल सभी जगह हो रहा है. संभावना है कि कुछ स्थानों पर रात में लैंडफॉल होगा. मेरा मानना है कि अब तक सारे हालात नियंत्रण में हैं. कोई भी बड़ी जनहानि या संपत्ति के नुकसान की आशंका नहीं है. हमने समय रहते लोगों को (समुद्र तट के करीब से) हटा लिया है.''
उन्होंने कहा कि, ''कुछ मामूली नुकसान हुआ है. करीब 200 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हमने पांच तहसीलों में एहतियात बरतते हुए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. हमने पानी की सप्लाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए 47 जनरेटर लगाए हैं. ''
अरोरा ने कहा कि, ''हम मोबाइल एजेंसी से लगातार समन्वय बनाए हुए हैं. हम इंटरडिपार्टमेंट रोमिंग कम्युनिकेशन बनाए हुए हैं. व्यवस्थाएं 17 जून तक के लिए की गई हैं. इसके अलावा जिले में मोबाइल टॉवर कंपनियों के 500 जनरेटर लगाए गए हैं. एग्रीगेट टावर भी काम कर रहे हैं. इससे सभी गांवों में कम्युनिकेशन हो रहा है. कोई भी गांव ऐसा नहीं है जहां मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है.''
उन्होंने कहा कि, ''कोशिश यही है कि कोई कैजुअल्टी न हो. हमने करीब 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है. हम साइक्लॉन के खत्म होने का इंतजार करेंगे औप उसके बाद ही नुकसान का आकलन करेंगे.''
पूर्व में इन हालात में हुए नुकसान के बारे में सवाल पर अरोरा ने कहा कि, ''हम कोई भविष्यवाणी तो नहीं कर सकते लेकिन हमने हम आने वाली हर स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन इलाकों को, जहां तूफान सबसे ज्यादा असर दिखा सकता है, हमने पूरी तरह खाली करा लिया है. हमने करीब 52 हजार लोगों को शेल्टर कैंपों में शिफ्ट कर दिया है. तटीय इलाके से मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है.''
उन्होंने कहा कि, ''हमारी मूलभूत कोशिश है कि कोई भी जनहानि न हो और जितनी जल्द संभव हो जनजीवन सामान्य हो जाए. मेडिकल सुविधाएं और आरामदेह शेल्टर होम की सुविधा देना हमारी प्राथमिकता है. शेल्टर होम में जनरेटर, मिल्क पाउडर उपलब्ध कराया जा रहा है.''
अरोरा ने कहा कि, ''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रहा है कि हमने चक्रवात के आने से पहले 512 गर्भवती महिलाओं को तटीय क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. उनमें से 274 ने अस्पतालों में बच्चों को जन्म दिया है. हमने उन सभी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में भर्ती किया है.''