26 मार्च यानी शुक्रवार को किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने जा रहे हैं. इस मौके पर किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सबकुछ बंद रखने का ऐलान किसान संगठनों ने किया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लोगों से भारत बंद का समर्थन करने की अपील की है. एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘यह सरकार गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा और किसानों की फसलों की खरीदारी बढ़ाने की मांग के प्रति असंवेदनशील है.''
किसान संगठनों ने आवश्यक वस्तु संशोधन कानून (ईसीएए) के तत्काल क्रियान्वयन की एक संसदीय समिति की मांग की रविवार को आलोचना की. ईसीएए उन तीन कानूनों में से एक है, जिनके खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
संसदीय समिति ने सरकार से ईसीएए का क्रियान्वयन करने को कहा है. इस समिति में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आप समेत विपक्षी दलों के सदस्य भी शामिल हैं. ये दल केंद्र द्वारा हाल में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं.
एसकेएम ने कहा, ‘‘हम किसानों, श्रमिकों एवं आम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे तीनों कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानूनी अधिकार के लिए अपना संघर्ष तेज करे.''उसने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसान महापंचायतों' को मिले अभूतपूर्व समर्थन से स्पष्ट है कि 26 मार्च को प्रस्तावित ‘भारत बंद' सफल रहेगा.उसने कहा कि आपात सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं उस दिन सुबह छह से शाम छह बजे तक निलंबित रहेंगी.