PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'स्वच्छ भारत' के फंड में दोगुना से ज्यादा इजाफा, 8 साल में 7 गुना बढ़ा बजट

वित्त मंत्री के ऐलान के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन अभियान में अगले पांच सालों के लिए औसतन 28,335 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो पिछले साल (2020-21) के बजट आवंटन (12,300 करोड़ रुपये) से दो गुना से भी ज्यादा है. इससे पहले यानी 2019-20 में वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत के लिए 12,644 करोड़ रुपये का आवंटन किया था.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman)  ने 2021-22 के बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ड्र्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) के लिए अगले पांच वर्षों के लिए कुल 1.41 लाख करोड़ रुपये फंड आवंटन का ऐलान किया है. सोमवार को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'शहरी स्वच्छ भारत मिशन- 2.0' का ऐलान किया और इसके लिए कुल 1,41,678 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा.

वित्त मंत्री के ऐलान के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन अभियान में अगले पांच सालों के लिए औसतन 28,335 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो पिछले साल (2020-21) के बजट आवंटन (12,300 करोड़ रुपये) से दो गुना से भी ज्यादा है. इससे पहले यानी 2019-20 में वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत के लिए 12,644 करोड़ रुपये का आवंटन किया था.

बजट भाषण में उन्होंने कहा, "शहरी भारत की स्वच्छता के लिए हमें पूर्ण मल-कीचड़ प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार, कचरा का स्रोत से अलगाव, सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी, वायु प्रदूषण में कमी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों और जैव कचरे का प्रबंधन करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. और सरकार इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन-2.0 शुरू करने जा रही है."

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सीतारमण ने कहा कि बजट में सिर्फ वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2,217 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ये रकम देश के उन 42 शहरों में खर्च किए जाएंगे, जहां 10 लाख से ज्यादा की आबादी निवास करती है. मोदी सरकार ने साल 2018-19 में 15,373 करोड़, 2017-18 में 13,948 करोड़, 2016-17 में 10,500 करोड़ और 2014-15 में 4260 करोड़ रुपये का आवंटन स्वच्छ भारत मिशन के लिए किया था.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में इस अभियान की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य गलियों, सड़कों और अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और जगह-जगह फैले कूड़े को साफ रखना है. मिशन का उद्देश्य- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती की 150वीं वर्षगांठ 2019 तक देश को साफ-सुथरा बनाना था. सरकार की तरफ से दावा किया गया कि इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है.

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