AI साइंटिस्ट और ‘गूगल ब्वॉय’ समेत 19 बच्चे प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2024 छह श्रेणियों- कला और संस्कृति, वीरता , नवाचार , विज्ञान और प्रौद्योगिकी , सामाजिक सेवा और खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए दिए गए.

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नई दिल्ली:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 वर्षीय एक पर्वतारोही, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वैज्ञानिक, एक दिव्यांग चित्रकार और ‘गूगल ब्वॉय' समेत 19 बच्चों को सोमवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया. मुर्मू ने इन बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार दिया.

इन पुरस्कार विजेताओं में आदित्य विजय ब्रम्हणे (मरणोपरांत), अनुष्का पाठक, अरिजीत बनर्जी, अरमान उबरानी, हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया, इश्फाक हामिद, मोहम्मद हुसैन, पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया, सुहानी चौहान, आर्यन सिंह, अवनीश तिवारी, गरिमा, ज्योत्सना अख्तर, सैयाम मजूमदार, आदित्य यादव, चार्वी ए, जेसिका नेई सरिंग, लिन्थोई चनंबम और आर सूर्य प्रसाद शामिल हैं.

इन बच्चों में, दो आकांक्षी जिलों समेत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2024 छह श्रेणियों- कला और संस्कृति, वीरता , नवाचार , विज्ञान और प्रौद्योगिकी , सामाजिक सेवा और खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए दिए गए.

इस पुरस्कार के सम्मानित बच्चों में महाराष्ट्र के आदित्य विजय ब्रम्हणे (12) शामिल हैं, जिन्हें उनके असाधारण साहस के लिए मरणोपरांत पुरस्कृत किया गया. आदित्य ने रिश्ते के अपने भाइयों हर्ष और श्लोक को नदी में डूबने से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.

राजस्थान के 17 वर्षीय आर्यन सिंह ने AI-संचालित रोबोट एग्रोबॉट विकसित किया, जिसका उद्देश्य इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करके किसानों के जीवन को सरल बनाना है.

‘गूगल ब्वॉय' के नाम से प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ के अरमान उबरानी को गणित और विज्ञान में उत्कृष्ट कौशल के लिए सम्मानित किया गया. कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की आठ वर्षीय अनुष्का पाठक को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 'कथा वाचन' के क्षेत्र में खुद को स्थापित किया है. पारंपरिक पखावज बजाने में माहिर पश्चिम बंगाल के 13 वर्षीय अरिजीत बनर्जी ने सांस्कृतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है.

सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित गुजरात की 13 वर्षीय हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया को उनकी असाधारण चित्रकारी के लिए पुरस्कृत किया गया. वे दिव्यांग बच्चों की सहायता के लिए अपनी मासिक पेंशन दान कर अपना योगदान दे रही हैं. सेरेब्रल पाल्सी ऐसी बीमारी है, जो किसी व्यक्ति की चलने-फिरने और शारीरिक संतुलन बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करता है. 

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जम्मू-कश्मीर के 12 वर्षीय इश्फाक हामिद रबाब और मटका के उस्ताद हैं. उन्हें 2020 में भाई मर्दाना राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बिहार के 16 वर्षीय मोहम्मद हुसैन ने हस्तशिल्प कला में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. उन्होंने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने स्वदेशी खिलौने भी भेंट किए.

तेलंगाना की 14 वर्षीय पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया एक कुचिपुड़ी नृत्यांगना हैं, जिन्होंने शास्त्रीय नृत्य श्रेणी में कला उत्सव राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 जीता है और 'लास्याप्रिया' जैसे खिताब अपने नाम किए हैं. दिल्ली की 16 वर्षीय सुहानी चौहान ने सौर ऊर्जा से संचालित कृषि वाहन 'एसओ-एपीटी' विकसित किया है, जो टिकाऊ खेती के लिए एक प्रभावशाली समाधान पेश करता है.

मध्य प्रदेश के 9 वर्षीय अवनीश तिवारी ने डाउन सिंड्रोम से जुड़ी बाधाओं के बावजूद सात साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट आधार शिविर की चढ़ाई की और अपनी असाधारण सामाजिक सेवा के लिए 2022 में श्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार प्राप्त किया.

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हरियाणा की 9 वर्षीय गरिमा दृष्टिबाधित होने के बावजूद 'साक्षर पाठशाला' नामक अपनी पहल के माध्यम से वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही हैं.
 

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