17वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक रही: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में कहा कि इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं, जो 1354 घंटे तक चली: लोकसभा अध्यक्ष
नई दिल्ली:

31 जनवरी, 2024 को शुरू हुआ 17वीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र शनिवार को समाप्त हो गया और इसके साथ ही 17वीं लोकसभा भी समाप्त हुई. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस 17वीं लोकसभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही. महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही. 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में कहा कि इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सत्रों में अंतिम सत्र में यह सबसे अधिक कार्य उत्पादकता है.

सदन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे. बिरला ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय रहा कि इस सत्र में नारी वंदन विधेयक पारित हुआ...यह महिला सशक्तीकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि थी.'' उन्होंने कहा कि कई ऐतिहासिक विधेयक इस लोकसभा में पारित किए गए. बिरला का कहना था, ‘‘हमने भारतीय चिंतन को आगे बढ़ाने के लिए कानून पारित किए.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘17वीं लोकसभा इसलिए भी विशेष है कि भारत के अमृतकाल में संसद के पुराने भवन और नये भवन दोनों में अपने संसदीय दायित्वों को हमने निभाया.'' उन्होंने कहा कि इस लोकसभा में पहली बार शून्यकाल में सरकार ने सकारात्मक उत्तर देकर नई परंपरा शुरू की. बिरला ने भावुक होते हुए कहा कि संसद के सभी सदस्यों से उनका जुड़ाव हो गया है और सभी परिवार की तरह बन गए हैं.

Advertisement

उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ सदस्यों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित किये जाने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कभी इस तरह के कदम उठाने के पक्षधर नहीं रहे और उन्हें इस तरह के फैसलों का दुख हुआ. बिरला ने कहा कि भविष्य में सभी सदस्य इस सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखेंगे, वह ऐसी आशा रखते हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन की उच्च परंपरा, परिपाटियां और प्रतिष्ठा रही हैं. मैंने भी पूर्ववर्ती अध्यक्षों की तरह इन्हें बनाकर रखने का प्रयास किया है.'' उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 222 कानून पारित किए गए.

Advertisement

लोकसभा की उत्पादकता का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा, ‘‘17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जो 1354 घंटे तक चलीं. सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर अपना कार्य किया.'' उन्होंने बताया कि इस लोकसभा में व्यवधान के कारण कुल 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ. बिरला ने आगे कहा, ‘‘17वीं लोकसभा ने 222 कानून पारित किये. इस अवधि के दौरान 202 विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 11 विधेयकों को सरकार द्वारा वापस लिया गया.''

उन्होंने 17वीं लोकसभा के दौरान पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘संसद के नये भवन के अंदर सर्वप्रथम ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023' को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया.''

बिरला के अनुसार, इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किए गए.

उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के दौरान आजादी के पूर्व बनाए गए अनेक अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और आजादी के पूर्व बनाए गए कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए गए. इस लोकसभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किए गए.

बिरला ने सदन को बताया, ‘‘17वीं लोकसभा के दौरान 4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए जिसमें 1116 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. इसी अवधि में 55,889 अतारांकित प्रश्न भी पूछे गए जिनके लिखित उत्तर सदन में दिए गए. इस लोकसभा में दो अवसरों पर सूचीबद्ध सभी प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए.''

उनका कहना था, ‘‘इस लोक सभा में 729 गैर-सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किए गए. 17वीं लोकसभा के दौरान संबंधित मंत्रियों ने 26,750 पत्र सभापटल पर रखे.''

उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस लोकसभा के दौरान शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाए गए जब कि नियम 377 के अंतर्गत 4869 विषय माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए. 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के अंतर्गत एक दिन में कुल 161 विषय उठाए गए और 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में शून्य काल में 1066 मामले उठाए गए, जो एक कीर्तिमान है.''

बिरला ने कहा, ‘‘कार्यपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस लोकसभा में पहली बार शून्य काल में उठाए गए विषयों के उत्तर के लिए संबंधित मंत्रालयों से अनुरोध किया गया और अधिक के उत्तर संबंधित मंत्रालय से प्राप्त हुए.''

बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के दौरान मंत्रियों द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए। इस लोकसभा के दौरान नियम 193 के अंतर्गत 12 चर्चाएं की गईं.

उनके मुताबिक, संसदीय समितियों ने इस लोकसभा में कुल 691 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए. संसदीय समितियों की 69 प्रतिशत से अधिक सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया.

उन्होंने 17वीं लोकसभा में नवाचारों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं.''

बिरला ने बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था.

उन्होंने कहा, ‘‘इस लोकसभा में कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई. संविधान सभा में फसाड लाइटिंग की व्यवस्था और लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी के विलय से करोड़ों रूपए की बचत हुई.''

बिरला ने बताया कि इस लोकसभा के दौरान भारत में 16 देशों के संसदीय शिष्टमंडल का आगमन हुआ. साथ ही देश से 42 शिष्टमंडलों की विदेश यात्रा हुई. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती शक्ति एवं प्रतिष्ठा का परिचायक है. (भाषा इनपुट के साथ)

ये भी पढ़ें- संसद में नियमों को लेकर जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच हुई तीखी नोकझोंक

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack पर Opposition का एकजुट होने की बातें-शोक बंद, Politics शुरू? | Baat Pate Ki