हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने वाले नक्सलियों की न केवल आजीविका के लिए सरकार तमाम इंतजाम कर रही है, बल्कि उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी निभा रही है. ऐसा ही सुखद वाकया छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में देखने को मिला. यहां पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले 15 नक्सलियों के विवाह का सामूहिक आयोजन (Surrendered Naxalites Wedding Ceremony) कराया. हथियार और हिंसा छोड़ शांति की राह पर आगे बढ़ने वाले इन नक्सलियों की शादी भी प्यार के इजहार के सबसे खुशनुमा दिन वैलेंटाइन डे के दिन 14 फरवरी को कराई गई.
इन सभी नक्सलियों ने पिछले छह माह के दौरान हथियारों समेत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. दंतेवाड़ा (Dantewara Police) के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि इन युवक-युवतियों की शादी उनके परिवार की मौजूदगी में कराई गई. इनमें कई नक्सली ऐसे थे, जिनके बीच आंदोलन में शामिल होने के दौरान ही प्यार हो गया था, लेकिन उन्हें शादी करने की इजाजत नहीं दी गई. आदिवासी समाज की परंपरा और रस्मोरिवाज के तहत विवाह का आयोजन हुआ.
पल्लव ने कहा कि दंतेवाड़ा पुलिस के घर वापसी अभियान के तहत अब तक छह माह में करीब 300 नक्सली हथियार डाल चुके हैं. वैलेंटाइन डे पर ये शादियां हिंसा और भय के माहौल पर शांति और प्रेम की विजय का प्रतीक भी हैं. एक युवक ने कहा, नक्सल अभियान के दौरान उसके सिर पर 5 लाख और जिससे वह प्यार करता था, उस लड़की पर एक लाख रुपये का इनाम था. लेकिन उन्हें शादी करने की मंजूरी नक्सली नेताओं ने नहीं दी. उसका कहना है कि परिवार, समाज के बीच वापस आकर उसे बहुत खुशी महसूस हो रही है. इस सामूहिक विवाह समारोह में छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी, सिपाही, राज्य सरकार के पदाधिकारी और नक्सली युवकों के परिजन शामिल हुए.