स्मृति ईरानी, संजीव बालियान समेत मोदी 2.0 के 15 नेताओं को छोड़ना होगा सरकारी बंगला, मिली 11 जुलाई की डेडलाइन

यह नोटिस शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने जारी किया है. इनके अलावा अश्विनी चौबे और वी के सिंह भी पिछली सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्हें पार्टी ने दोबारा टिकट ही नहीं दिया.

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नई दिल्ली:

मोदी 2.0 में मंत्री रहते हुए चुनाव हारने वाले नेताओं को खाली करना होगा सरकारी बंगलानियम के मुताबिक कार्यकाल समाप्त होने के एक महीने के भीतर सरकार घर खाली करना जरूरीगौरतलब है कि मोदी 2.0 के 20 मंत्री चुनाव हार गएइनमें केवल एल मुरुगन को दोबारा मंत्री बनाया गया है.

हारने वालों में आर के सिंह, महेंद्र नाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, अर्जुन मुंडा, संजीव बालियान, राजीव चंद्रशेखर, कैलाश चौधरी, अजय मिश्रा टेनी, वी मुरलीधरन, निशिथ प्रमाणिक, सुभाष सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति, रावसाहेब दानवे, कौशल किशोर, भानुप्रताप वर्मा, कपिल पाटिल, भगवंत खुंबा, भारती पवार, देबाश्री चौधरी और एल मुरुगन हैं, अब उन्हें नोटिस जारी कर 11 जुलाई तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है.

यह नोटिस शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने जारी किया है. इनके अलावा अश्विनी चौबे और वी के सिंह भी पिछली सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्हें पार्टी ने दोबारा टिकट ही नहीं दिया.अब उन्हें भी अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा.

इसी तरह पशुपति नाथ पारस ने नाराज हो कर पिछली सरकार से इस्तीफा दे दिया था लेकिन वे अभी सरकार बंगले में काबिज हैं.हालांकि बाद में उनकी नाराजगी दूर हो गई थी और उन्होंने बीजेपी का समर्थन करने का फैसला किया था. इसी तरह 17 वीं लोक सभा के सदस्य रहे लेकिन दोबारा चुन कर न आने वाले पूर्व सांसदों को भी लुटियन बंगला जोन से अपना सरकारी घर खाली करना होगा.

नियम के मुताबिक लोक सभा भंग होने के एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी घर खाली करना होता हैराष्ट्रपति ने पांच जून को सत्रहवीं लोक सभा भंग कर दी थीइस तरह पूर्व सांसदों के पास अपने सरकारी घर खाली करने के लिए केवल पांच जुलाई तक का ही समय है

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