मध्य प्रदेश में 15 दिन की बच्ची और 104 साल की महिला ने कोरोना वायरस को दी मात

प्री मैच्योर बेबी की मां को तो नहीं बचाया जा सका, लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के कारण 15 दिन की बच्ची की जिंदगी बचा ली गई

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
Madhya Padesh Corona Virus Cases लगातार तेजी से घट रहे हैं
भोपाल/सागर:

कोरोना वायरस को मात देने के दो अनोखे केस मध्य प्रदेश में सामने आए हैं. भोपाल में 15 दिन की प्री-मैच्योर बेबी (समय से पूर्व जन्मी बच्ची) और सागर में 104 साल की महिला ने कोविड-19 वायरस को मात देने में कामयाबी पाई है.मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग गुरुवार को भोपाल के पीपुल्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना से ठीक हुई 15 दिन की बच्ची से मिले. यह बच्ची उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की रहने वाली है और वह अपने पिता के साथ घर वापस लौटेगी.

सारंग ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सरकार से अनुबंधित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज से यह बच्ची छुट्टी मिलने के बाद जा रही है जो इलाहाबाद की रहने वाली है. उसकी मां गर्भवती थी और वहां (इलाहाबाद) उसको इलाज नहीं मिला और उसके परिजन उसे यहां लेकर आए. मां की तबीयत ज्यादा खराब थी. उसको बहुत ही सीवियर निमोनिया था और उसका सीटी स्कोर 23 था. कोरोना संक्रमित मां तो नहीं बच पाई, परंतु यहां के डॉक्टरों ने सर्जरी के माध्यम से बेटी को बचाया.

दुर्भाग्य से वह बच्ची भी कोरोना संक्रमित थी और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मेहनत की और वह बच्ची अब कोरोना वायरस से उबर चुकी है। उसकी रिपोर्ट अब निगेटिव आ गई. आज वह (15 दिन की बच्ची) अपने पिता के साथ इलाहाबाद अपने घर जा रही है.वहीं मध्य प्रदेश के सागर के भाग्योदय चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में बीना निवासी सुंदर बाई जैन (104) महज 10 दिनों में कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ्य हो गई है. आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्मदिन 19 मई 1917 है.

Advertisement

इस महिला का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. सौरभ जैन ने कहा कि 10 मई को कोरोना पीड़िता सुंदर बाई जैन को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूर्ण स्वस्थ हो गईं.उन्होंने कहा कि सुंदर बाई ने इलाज में सभी को सहयोग दिया. गुरुवार दोपहर उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई और उनके परिजन उन्हें बीना ले गए हैं. जैन ने बताया कि इस महिला को जब भर्ती कराया गया था, उस समय वह काफी कमजोर लग रहीं थीं, लेकिन उपचार शुरू होने के बाद जल्दी ही उनकी सेहत में सुधार आने लगा, इसकी एक बड़ी वजह मरीज का मानसिक रूप से काफी मजबूत एवं शारीरिक रूप से सक्रिय होना रहा.

Advertisement

सुंदर बाई को उम्र से जुडी समस्याएं के रहते हुए भी जल्दी ठीक होना भी एक काफी सकारात्मक पहलू है. महिला की सक्रियता भर्ती किए जाने के पांच दिन बाद से ही काफी बढ़ गई थी. वह खूब बातचीत भी करने लगीं. पिछले तीन दिनों से वह घर जाने के लिए बेसब्र भी हो रहीं थीं.

Advertisement

'दूषित ऑक्सीजन-पानी से भी ब्लैक फ़ंगस का ख़तरा...'

Featured Video Of The Day
Delhi Water Crisis: Yamuna में Amonia की मात्रा बढ़ी, कई इलाक़ों में पानी की परेशानी
Topics mentioned in this article