असम सरकार ने आज विधानसभा में कहा कि 2016 से असम में कट्टरपंथी जिहादी आतंकी मॉड्यूल में संदिग्ध होने के आरोप में 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि गिरफ्तार लोगों में 10 के ही मदरसों से जुड़े लोग थे. 84 में से 40 को इस साल राज्य में अल कायदा समर्थित आतंकी मॉड्यूल की चल रही जांच में गिरफ्तार किया गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि पिछले 10 सालों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से कुल 114 ‘जिहादियों' को गिरफ्तार किया गया है. असम विधानसभा में कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि 114 ‘जिहादियों' में से 65 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के सदस्य थे और नौ हिजबुल मुजाहिद्दीन (एचएम) से थे.
हिमंत बिस्वा सरमा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक तेराश गोवाला के सवाल के एक अलग जवाब में कहा कि इस सूची में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के 40 जिहादी भी शामिल हैं, जिन्हें इस साल मार्च के बाद से गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘114 कैडरों में से 23 लोगों के मामले जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिए गए हैं. शेष 91 लोगों में से, 54 के मामले अभी भी जांच के लिए लंबित हैं, जबकि इन मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए हैं. शेष 37 लोगों पर मुकदमा चल रहा है.''
सरमा ने कहा कि मेघालय के उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) ने पूरे असम में 'चार' (सैंडबार) क्षेत्रों की मैपिंग पूरी कर ली है. राज्य के 'चार' इलाकों में ज्यादातर बांग्ला भाषी मुसलमान रहते हैं. उन्होंने कहा कि बारपेटा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, धुबरी और गोवालपारा जिलों की पहचान राज्य में जिहादी गतिविधियों के ठिकाने के रूप में की गई है.
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया, ‘‘विदेशी नागरिक जिहादी गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसे देशों में बांग्लादेश सबसे प्रमुख है.'' उन्होंने कहा कि इस साल गिरफ्तार किए गए 40 लोगों में से दो मोरीगांव और धुबरी जिलों की रहने वाली महिलाएं हैं.