युवाओं का मोहभंग भारत के लिए प्रमुख जोखिम में से एक : वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम

कोरोना महामारी से प्रभावित पिछले दो वर्षों में डिजिटिल प्रक्रिया पर बढ़ती निर्भरता ने वैश्विक स्‍तर पर साइबर सुरक्षा को लेकर जोखिम बढ़ाया है. वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की ओर से मंगलवार को जारी सर्वे के अनुसार, इस दौर में युवाओं का मोहभंग, डिजिटल असमानता और अंतर राज्‍यीय संबंधों में खटास जैसी बातें भी भारतीय इकोनॉमी के लिए प्रमुख जोखिम के तौर पर सामने आई हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली/जेनेवा:

कोरोना महामारी से प्रभावित पिछले दो वर्षों में डिजिटिल प्रक्रिया पर बढ़ती निर्भरता ने वैश्विक स्‍तर पर साइबर सुरक्षा को लेकर जोखिम बढ़ाया है. वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की ओर से मंगलवार को जारी सर्वे के अनुसार, इस दौर में युवाओं का मोहभंग, डिजिटल असमानता और अंतर राज्‍यीय संबंधों में खटास जैसी बातें भी भारतीय इकोनॉमी के लिए प्रमुख जोखिम के तौर पर सामने आई  हैं.  WEF की ओर से अगले सप्‍ताह ऑनलाइन दावोस एजेंडा मीटिंग से पहले जारी ग्‍लोबल रिस्‍क्‍स रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि जलवायु (परिवर्तन) संबंधित जोखिम इस समय, प्रभाव के लिहाज से सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है, जहां शीर्ष 10 में से पांच वैश्विक जोखिम जलवायु और पर्यावरण से संबंधित हैं. 

रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे समय जब महामारी जारी है, शीर्ष पांच जोखिम में जलवायु संकट, बढ़ता सामाजिक विभाजन, साइबर जोखिम, असमान वैश्विक सुधार (uneven global recovery) शामिल हैं. विशेषज्ञों के ग्‍लोबल सर्वे मे यह बात भी सामने आई है कि छह में से केवल एक ही आशावादी है और 10 में से केवल एक का मानना है कि वैश्विक सुधार जारी रहेगा. रिपोर्ट में चेताया गया है कि महामारी के कारण सामाजिक असमानता का जोखिम बढ़ता  रहेगा. विशेषज्ञों ने आगाह करते हुए यह भी कहा है कि वैश्विक आथिक सुधार आने वाले वर्षों में असमान रहेंगे. 

Featured Video Of The Day
Zubeen Garg Death Case: 'जुबीन की हत्या हुई' Assam CM Himanta Biswa Sarma का बड़ा दावा
Topics mentioned in this article