'लाल किला किसी की जागीर नहीं', कंटेनर लगाने पर भड़के किसान, कहा- 'कहीं नहीं करने वाले कूच'

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ उपद्रवियों ने लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे को हटाकर धार्मिक झंडा फहरा दिया था. इसके अलावा लाल किले परिसर में हिंसा की थी. 

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राकेश टिकैत ने NDTV से कहा कि हम कल कहीं कूच नहीं करने वाले हैं.
नई दिल्ली:

तीन केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर करीब नौ महीने से विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)  पर कहीं भी नहीं जाने का एलान किया है और कहा है कि सभी प्रदर्शनकारी किसान सीमा पर ही झंडा फहराएंगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने NDTV से कहा कि हम कल कहीं कूच नहीं करने वाले हैं. उन्होंने कहा, "किसान अपने ट्रैक्टरों पर, गांव में, तहसीलों में कल झंडे फहराएंगे."

उन्होंने कहा कि कल दिल्ली की तीनों सीमाओं पर बैठे किसान स्टेज पर झंडा फहराएंगे. उन्होंने पूछा कि ऐतिहासिक लाल किले के सामने बड़े-बड़े कंटेनर लगा कर ये क्या साबित करना चाह रहे हैं? टिकैत ने कहा, "लाल किला इनकी जागीर तो नहीं है? हमने अपना हक मांगा तो हमें आतंकवादी, खालिस्तानी बता दिया गया."

स्वतंत्रता दिवस से पहले लाल किला के सामने बड़े-बड़े कंटेनर लगे, दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर

उन्होंने कहा कि हर किसान तिरंगे का सम्मान करता है. टिकैत ने कहा, "हम कल आज़ादी का जश्न मनाएंगे, मिठाइयाँ बांटेंगे और झंडा फहराएंगे. कल यहां से कोई दिल्ली कूच नहीं कर रहा है."

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बता दें कि दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले लाल किले केसामने मुख्य सड़क पर बड़े-बड़े कंटेनर लगा दिया हैं ताकि कोई भी लाल किले की प्राचीर तक नहीं पहुंच पाए. दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ उपद्रवियों ने लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे को हटाकर धार्मिक झंडा फहरा दिया था. इसके अलावा लाल किले परिसर में हिंसा की थी. 

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