पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, दाम कम करने के लिए...

Petrol-Diesel Price Rise: भारत में पेट्रोल की खुदरा कीमत में करीब 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है. पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल की खुदरा कीमतें राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच चुकी हैं.

Advertisement
Read Time: 24 mins
P
चेन्नई:

Petrol-Diesel Price Rise: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने डीजल (Diesel Price Rise), पेट्रोल के भाव (Petrol Price Rise) नयी ऊंचाइयों पर पहुंचने के खिलाफ उठ रही आवाजों के बीच शनिवार को कहा कि खुदरा कीमतों को तार्किक स्तर पर लाने के लिये केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. भारत में पेट्रोल की खुदरा कीमत में करीब 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है. पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल की खुदरा कीमतें राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच चुकी हैं. इसी तरह डीजल की खुदरा कीमतों में करीब 56 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है.

सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव पिछले साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ जाने का लाभ उठाने के उद्देश्य से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड वृद्धि की थी. हालांकि अब जब देश में ईंधन की खुदरा कीमतें आसमान छू रही हैं, वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम करने के बारे में कुछ नहीं कह रही हैं.

पेट्रोल की कीमतों पर बिहार के मंत्री का 'अजीब' बयान, कहा-आम लोग गाड़ी से नहीं, बस-ट्रेन से चलते हैं

Advertisement

वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दा है. एक ऐसा मुद्दा जिसमें मूल्य (ईंधन) को कम करने के अलावा कोई भी उत्तर किसी को नहीं पचेगा. मुझे पता है कि मैं एक ऐसे विषय पर बोल रही हूं, जिसके बारे में मैं कुछ भी कहूं, वास्तविकता बताने की कोई भी कोशिश कर लूं, ऐसा लगेगा कि मैं बातें बना रही हूं. मैं अपने जवाब से बच रही हूं. मैं अपने ऊपर से दोष को हटा रही हूं.''

Advertisement

अंतराष्ट्रीय दाम कम तो देश में पेट्रोल महंगा क्यों?

वित्त मंत्री ने कर संरचना को स्पष्ट करने का प्रयास किया और बताया कि ओपेक व सहयोगी देशों के द्वारा उत्पादन में कटौती करने से कैसे कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें काफी बढ़ गयीं, जिसके कारण देश में ईंधन की खुदरा कीमतें भी बढ़ गयीं.

Advertisement

हालांकि उन्होंने कहा कि इसका उत्तर पेट्रोल और डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना हो सकता है, जो करों के ऊपर कर के असर को समाप्त करेगा और एकरूपता लायेगा. अभी केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क की एक निश्चित दर वसूलती है, जबकि राज्य अलग-अलग दरों पर वैट शुल्क लगाते हैं.

Advertisement
रवीश कुमार का प्राइम टाइम : पेट्रोल के दाम पर विपक्ष कहां है या जनता कहां है

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Pakistan Hockey Team: कंगालिस्तान हुआ पाकिस्तान! हॉकी टीम को देने के लिए नहीं पैसे?