साहूकारों से बचने के लिए कर्ज में डूबा कारोबारी बना 'किसान', पुलिस को दिल्ली बॉर्डर पर चले रहे आंदोलन में मिला

कर्ज तले दबे कारोबारी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह कर्ज में डूबा हुआ था और कर्ज देने वाले पैसा वापस करने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे.

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गाजियाबाद:

दिल्ली के बॉर्डर पर 20 दिन से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. उत्तर प्रदेश के मुराद नगर का एक कारोबारी कर्जदाताओं (Lenders) से बचने के लिए भेष बदलकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) में शामिल हो गया है. पुलिस ने गुरुवार को उसका पता लगाया. शख्स ने कहा कि कर्जदाताओं की ओर से पैसा वापस लौटाने का दबाव था. 

पुलिस ने बताया कि गाजियाबाद के मुराद नगर का रहने वाला प्रवीण एक दिसंबर को अपने घर से निकल था और वापस नहीं लौटा. उसे गाजियाबाद गाजीपुर बॉर्डर से पकड़ा गया है. पुलिस ने कहा कि वह पहले भी गायब हो चुका है, लेकिन कुछ दिन बाद लौट आया था इसलिए परिवार ने 12 दिसम्बर तक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.  

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एल. राजा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि प्रवीण का पता उसके मोबाइल फोन की मदद से लगाया गया है, जिसे पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया था. उसकी कार प्रदर्शन स्थल के नजदीक पाई गई थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, "प्रवीण ने अपनी दाढ़ी बड़ी की हुई थी और वह एक सिख जैसा लग रहा था. हालांकि, जब वह अपनी कार के अंदर था, तो हमने उसे पहचान लिया."

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उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह कर्ज के तले दबा हुआ था और कर्ज देने वाले पैसा वापस करने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे. उन्होंने कहा कि कर्जदारों की प्रताड़ना से बचने के लिए वह किसानों के प्रदर्शन वाली जगह पर बैठ गया. 

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