आंदोलनकारी किसानों के मोर्चा की बैठक में केंद्र के पत्र पर होगी चर्चा

आंदोलनकारी किसान संगठन शुक्रवार को बैठक कर केंद्र के पत्र पर बातचीत कर सकते हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को धन अंतरण के दौरान उन्हें संबोधित करेंगे.

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नई दिल्ली:

आंदोलनकारी किसान संगठन शुक्रवार को बैठक कर केंद्र के पत्र पर बातचीत कर सकते हैं. वहीं आज दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि किसानों को कानून लाभकारी नहीं लगता है तो सरकार उनमें संशोधन करने को तैयार है. लेकिन किसानों को बातचीत के लिए आगे आना होगा. हम किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं. हम किसानों के प्रति बहुत सम्मान रखते हैं. बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को एक महीना पूरा होने वाला है. दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर किसानों के 40 संगठनों का ‘संयुक्त किसान मोर्चा' की आज दिन में बैठक हो सकती है जिसमें केंद्र के पत्र पर चर्चा कर औपचारिक रूप से इसका जवाब देने के लिए विचार-विमर्श हो सकता है.

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आंदोलनरत किसान संघों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि वार्ता के लिए केंद्र सरकार का ताजा पत्र केवल यह धारणा बनाने के लिए किसानों के खिलाफ किया जा रहा दुष्प्रचार है कि उनकी बातचीत में दिलचस्पी नहीं है. किसानों ने बातचीत फिर शुरू करने के लिए एजेंडा में नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के विषय को शामिल करने की मांग की है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को नए सिरे से वार्ता का न्योता भेजते हुए स्पष्ट किया कि एजेंडा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से संबंधित किसी नई मांग को शामिल करना ‘तार्किक' नहीं होगा क्योंकि यह नए कृषि कानूनों के दायरे से परे है.

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मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि वह आंदोलनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ‘तार्किक समाधान' खोजने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को एक बटन दबा कर नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करने वाले हैं. यह धनराशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त के रूप में जारी की जाएगी.

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प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोदी छह राज्‍यों के किसानों से संवाद भी करेंगे तथा किसान सम्‍मान निधि और किसानों के कल्‍याण के लिए सरकार द्वारा की गई अन्‍य पहल के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में अनेक मार्गों को बंद कर दिया है और मार्ग बदलने के कारण भी यातायात की समस्या आ रही है. इस बीच, दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, साबोली और मंगेश सीमाएं यातायात के लिए बंद हैं.

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विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के रास्ते वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें. मुकरबा और जीटीके रोड से यातायात का मार्ग बदला गया है. कृपया आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच 44 से निकलने से बचें.'' यातायात पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए चिल्ला तथा गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं. उसने कहा, ‘‘दिल्ली आने के लिए लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपरा और लोनी सीमाओं के रास्ते वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी जाती है.'' दिल्ली यातायात पुलिस ने एक परामर्श में कहा कि सिंघू सीमा के आगे एनएच-44 को आम यातायात के लिए शनिवार से बंद कर दिया गया है और जनता को असुविधा नहीं हो, इस लिहाज से मार्ग बदले गए हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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