दोस्त के जूते में ड्रग्स था.. ये बात जानते थे आर्यन खानः मुंबई कोर्ट ने कहीं ये 10 बड़ी बातें

अदालत ने कहा कि आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट के जूते में छह ग्राम चरस छिपा हुआ पाया गया और ऐसा लगता है कि आर्यन को इसके बारे में पता था.

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मुंबई:

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आज मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट के जूते में छह ग्राम चरस छिपा हुआ पाया गया और ऐसा लगता है कि आर्यन को इसके बारे में पता था.

  1. "व्हाट्सएप चैट से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी आर्यन खान नियमित रूप से मादक पदार्थों के लिए अवैध नशीली दवाओं की गतिविधियों में लिप्त रहा है. इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि जमानत मिलने पर आर्यन खान के इसी तरह के अपराध करने की संभावना नहीं है."
  2. "रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री से आरोपी नंबर 1 (आर्यन खान) की आपूर्तिकर्ताओं और पेडलर्स के साथ सांठगांठ का पता चलता है".
  3. "आरोपी 1 और 2 (अरबाज मर्चेंट) लंबे समय से दोस्त हैं. उन्होंने एक साथ यात्रा की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल पर एक साथ पकड़ा गया. इसके अलावा, अपने स्वैच्छिक बयानों में, दोनों ने खुलासा किया कि उनके पास उक्त पदार्थ उनके इस्तेमाल के लिए था. इस प्रकार, इन सभी बातों से पता चलता है कि आर्यन खान को अरबाज मर्चेंट द्वारा अपने जूते में छुपाए गए प्रतिबंधित पदार्थ के बारे में पता था".
  4. "चूंकि आर्यन खान को मर्चेंट के जूते में चरस के बारे में पता था, इसलिए यह कहा जा सकता है कि यह दोनों आरोपियों के ही पास था."
  5. "व्हाट्सएप चैट में बड़ी मात्रा में ड्रग्स का उल्लेख था, प्रथम दृष्टया यह दर्शाता है कि आर्यन खान प्रतिबंधित नशीले पदार्थों में काम करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में था".
  6. "रिकॉर्ड पर साक्ष्य से पता चलता है कि आरोपी एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है. चूंकि आरोपी साजिश का हिस्सा है, इसलिए जब्त की गई दवाओं की पूरी मात्रा के लिए उत्तरदायी भी है. सभी आरोपियों के मामले को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है."
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  8. "आगे पूछताछ के दौरान, उन्होंने उन लोगों के नामों का खुलासा किया जिन्होंने उन्हें प्रतिबंधित सामग्री की आपूर्ति की थी. इस प्रकार, इन सभी तथ्यों से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि अभियुक्तों ने एक दूसरे के साथ साजिश में काम किया."
  9. "यह पता चलता है कि सभी आरोपी एक ही सूत्र में जुड़े हुए हैं. इस साजिश को मुकदमे के समय विचार किया जाना आवश्यक है. मामले में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 की कठोरता लागू होगी. इसलिए, इस मामले में संतुष्टि दर्ज करना संभव नहीं है कि आवेदकों ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं किया है".
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  11. "प्रतिवादी (एनसीबी) ने दावा किया कि आरोपी नंबर 1 उन विदेशी नागरिकों के संपर्क में है जो अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी का हिस्सा प्रतीत होते हैं और इस संबंध में जांच चल रही है."
  12. "जैसा कि एएसजी ने तर्क दिया, चूंकि सभी आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति हैं, अगर उनमें से किसी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो यह पूरी जांच में बाधा डालेगा".
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