दिल्ली में किसानों के एक समूह की ट्रैक्टर रैली के तय मार्ग से हटकर निकलने की योजना

दिल्ली में किसानों की रैली के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई, यह रैली राजपथ पर सशस्त्र बलों की पारंपरिक परेड के बाद सुबह 10 बजे शुरू होगी

Advertisement
Read Time: 26 mins
नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों (Farmers) की बड़ी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) से एक दिन पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Committee) ने घोषणा की है कि वह संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस द्वारा तय किए गए ट्रैक्टर परेड के रूट को लेकर सहमत नहीं है. इस समूह ने कहा है कि वे दिल्ली (Delhi) के बाहरी रिंग रोड पर जाएंगे. इससे उनके पुलिस के साथ संघर्ष होने की आशंका बढ़ गई है. पुलिस ने किसानों के समूहों के साथ बैठकों के सिलसिले के बाद सीमा पर तीन स्थानों पर मार्गों को चाक-चौबंद कर दिया है. दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों द्वारा केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है. विरोध का यह सिलसिला शुरू हुए दो महीने पूरे हो रहे हैं. एक फरवरी को बजट दिवस पर किसान संसद तक पैदल मार्च करने की योजना बना रहे हैं.

दिल्ली पुलिस के प्रमुख एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि "कुछ ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्व हैं जो उकसाने का काम कर रहे हैं. कुछ लोग हैं जो इस किसान रैली का लाभ उठाना चाहते हैं." सिंघु सीमा पर किसानों ने शुक्रवार को एक युवक को हिरासत में लिया और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया. उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसे एक पुलिसकर्मी ने ट्रैक्टर रैली को बाधित करने और विरोध प्रदर्शन को तोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया था.

रैली के लिए भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. किसानों की रैली राजपथ पर सशस्त्र बलों की पारंपरिक परेड के बाद सुबह 10 बजे शुरू होगी. यह दिल्ली के तीन हिस्सों में रिंग रोड तक आयोजित की जाएगी. पुलिस ने कहा है कि गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने से पहले रैली दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकती है.

Advertisement

दिल्ली पुलिस ने यातायात को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्ग 44, और सीमावर्ती क्षेत्रों में सिंघु और टिकरी जाने से बचने के लिए कहा गया है. लोगों को गाजीपुर बॉर्डर और नेशनल हाईवे 24, रोड नंबर 56 और अप्सरा बॉर्डर तक जाने वाली सड़कों पर जाने से बचने के लिए भी कहा गया है.

Advertisement

अन्य राज्यों में भी किसान विरोध कर रहे हैं. मेरठ में पुलिस को किसानों के साथ बहस करते हुए देखा गया. उनसे कहा गया है कि वे दिल्ली की ओर नहीं बढ़ेंगे क्योंकि वहां पहले से ही पर्याप्त किसान हैं.

Advertisement

मुंबई में आजाद मैदान पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को राजभवन की ओर जाने की कोशिश करते हुए रोक दिया गया. हालांकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शहर में नहीं थे. किसानों के जो प्रतिनिधि पहुंचने में कामयाब रहे, उन्हें हटा दिया गया.

Advertisement

राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार, जो कल किसानों की रैली में शामिल हुए थे, ने कहा, "आप सभी राज्यपाल के पास जा रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र ने पहले ऐसा राज्यपाल नहीं देखा है. उनके पास कंगना रनौत से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से मिलने का नहीं है. उन्हें आपसे बात करने के लिए यहां होना चाहिए लेकिन वह नहीं हैं. ”

महाराष्ट्र के 21 जिलों के लगभग 15,000 किसान अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले एकत्रित होकर कृषि कानूनों के विरोध में कल मुंबई पहुंचे थे. उनकी लाल झंडे लगी कारों, जीपों, वैनों और ट्रकों के शहर में अपना रास्ता बनाते हुए दिखाने वाले नाटकीय दृश्य सामने आए थे. 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को कानून और व्यवस्था से संबंधित बताते हुए इसे दिल्ली पुलिस पर छोड़ने के बाद यह रैली केंद्र की आपत्तियों के बावजूद आयोजित की जा रही है. अदालत ने पहले दिल्ली की सीमा पर किसानों के विरोध को रोकने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध एक मौलिक अधिकार है.

किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है. केंद्र सरकार की विशेष कमेटी द्वारा बातचीत किए जाने के दौरान 18 महीने तक कानून को रोककर रखने की अंतिम पेशकश किसानों ने ठुकरा दी. सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, "सरकार ने किसानों की यूनियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव दिया है."

किसान कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन कानूनों से उनकी आय कम हो जाएगी और उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा. वे न्यूनतम समर्थन मूल्य की निरंतरता को लेकर कानूनी गारंटी भी चाहते हैं. उन्हें डर है कि एमएसपी एक समय के बाद बंद कर दिया जाएगा. सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कानूनों को निरस्त नहीं करेगी. उसका कहना है कि यह कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है. सरकार ने किसानों को मिलने वाले समर्थन मूल्य के लिए लिखित गारंटी का वादा किया है.

Featured Video Of The Day
Pager-Walkie-talkie Blast in Lebanon: लेबनान में कैसे फटे पेजर और वॉकी टॉकी देखिये Live Demo!
Topics mentioned in this article