World Hearing Day : क्या आप कभी डॉक्टरों के पास स्पेशली अपने कानों का चेकअप कराने के लिए गए हैं? नहीं...जब तक कान में कोई दर्द ना हो या किसी तरह की तकलीफ नहीं होती है हम इसको दिखाने डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं. हालांकि हम अपने बॉडी चेकअप, आंखों का टेस्ट कराने जाते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस तरह से हमारा शरीर, आंखें और दूसरे अंग है उसी तरह से कान भी एक सेंसटिव अंग है जिसका आपको खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. लेकिन अक्सर लोग इसको इग्नोर करते हैं और इसका ख्याल रखने में लापरवाही बरतते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप कानों का ख्याल नहीं रखते हैं तो इससे सुनने की क्षमता खो सकते हैं.
बता दें कि 3 मार्च को हर साल वर्ल्ड हियरिंग डे मनाया जाता है. बता दें कि डब्ल्यूएचओ ( WHO) ने कानों का ख्याल रखने के लिए और वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर कुछ टिप्स शेयर किए हैं. जिनकी मदद से आप अपने कानों को कैसे बेहतर रखना है और उनका ध्यान कैसे रखना है. who_india ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर इस पोस्ट को शेयर किया है. जिसमें अलग-अलग स्लाइड्स में कानों को हेल्दी बनाए रखने के टिप्स शेयर किए हैं.
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इस पोस्ट की पहली स्लाइड में लिखा है. गेम, म्यूजिक लवर और सभी लोग इसे जरूर सुनो...
दूसरी स्लाइड
- दूसरी स्लाइड में अपनी हियरिंग को प्रोटेक्ट करने के लिए टिप्स दिए गए हैं. जिसमें बताया गया है- वॉल्यूम का लेवल अधिकतम 60 परसेंट से नीचे रखें.
- लाउड एंवॉयमेंट में ईयर प्लग्स का इस्तेमाल करें.
तीसरी स्लाइड
- तीसरी स्लाइड में म्यूजिक लवर्स के लिए टिप्स शेयर किए गए हैं तब जब वो घर पर या बाहर किसी लाइव इवेंट्स पर गानें सुन रहे हैं तो उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- अपनी सिटिंग स्पीकर्स से दूर रखें.
- लाउड एंवायरमेंट में ईयर प्लग्स का इस्तेमाल करें.
- स्मार्टफोन एप्स का इस्तेमाल करें अपने साउंड लेवल को मॉनिटर करने के लिए.
- अपने कानों को ब्रेक दें और कुछ देर के लिए शांती वाली जगह पर जाएं.
- किसी भी इवेंट पर जाने के बाद एक शांति वाला ब्रेक लें और कानों को रेस्ट दें.
चौथी स्लाइड
- चौथी स्लाइड में गेमर्स के लिए टिप्स शेयर किए गए हैं.
- उस डिवाइस को चुनें जिसमें सेफ लिसनिंग फीचर हो.
- बैकग्राउंड के शोर को कम करने के लिए नॉइस कैंसिलेशन हैडफोन्स का इस्तेमाल करें.
- स्क्रीन टाइम की लिमिट सेट करें
पांचवी स्लाइड
- पांचवी स्लाइड में हियरिंग टेस्ट करवाने का आग्रह किया गया है.
- न्यू बॉर्न और स्कूल जाने वाले बच्चों का हियरिंग टेस्ट कराना चाहिए.
- 50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों को हियरिंग टेस्ट कराना चाहिए.
- असिस्टिव टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें.
छठी स्लाइड
- छठी और आखिरी स्लाइड में तीन प्वाइंट्स बताए गए हैं.
- जिसमें पहला है हमेशा अवेयर रहें.
- दूसरा अवेयरनेस फैलाएं.
- अपने कानों की जांच करने के लिए who की ऐप की मदद लें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)