PCOS वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी कंसीव करने में आती है दिक्कत, इन टिप्स को फॉलो कर पाएं जल्द राहत

PCOS And Pregnancy: कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस हार्मोन को रेगुलेट करने, ओव्यूलेशन में सुधार करने और प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

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ट्रैकिंग ओव्यूलेशन की पहचान करने और गर्भधारण की संभावना बढ़ाने में मदद कर सकता है.

PCOS Treatment: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) रिप्रोडक्टिव एज वाली महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल डिसऑर्डर में से एक है. पीसीओएस गर्भधारण करना कठिन बना सकता है और अन्य लक्षण भी पैदा कर सकता है जैसे कि इर्रेगुलर पीरियड्स, मुंहासे और बालों का बढ़ना. हालांकि, लाइफस्टाइल ऑप्शन हैं जो पीसीओएस वाली महिलाएं गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए कर सकती हैं.

पीसीओएस वाली महिलाओं में इर्रेगुलर पीरियड्स साइकिल हो सकता है, जिससे यह जानना मुश्किल हो जाता है कि ओव्यूलेशन कब होता है. गर्भ धारण करने के लिए ओव्यूलेशन पर नजर रखने से संभोग के लिए सही समय सीमा की पहचान करने में मदद मिल सकती है. इसके साथ ही कई अन्य लाइफस्टाइल चेंजेस हैं जो पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं. यहां हम कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं जिन्हें आप गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं.

पीसीओएस में प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ाने के लिए 9 टिप्स | 9 Tips To Increase Your Chances of Pregnancy In PCOS

1. हेल्दी वेट बनाएं रखें

पीसीओएस वाली महिलाएं अक्सर मोटापे से ग्रस्त होती हैं, जो इसे और खराब कर सकता है और प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है. वजन कम करने से हार्मोन लेवल और ओव्यूलेशन में सुधार हो सकता है. वजन कम करने से इंसुलिन रिजिस्टेंस में सुधार हो सकता है और हार्मोन को कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे डेली ओवुलेशन साइकिल और गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है.

2. हेल्दी डाइट फॉलो करें

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए एक हेल्दी और बैलेंस डाइट जरूरी है. बहुत सारे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन खाने से जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम हो सकता है, जो अक्सर पीसीओएस से जुड़ा होता है. अनहेल्दी और प्रोसेस्ड फूड्स से भी बचें.

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3. रेगुलर एक्सरसाइज करें

ऑलओवर हेल्थ और प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है. रेगुलर एक्सरसाइज इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम कर सकता है. ओव्यूलेशन में सुधार कर सकता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकता है. हफ्ते में 5 बार कम से कम 30 मिनट वर्कआउट करने का लक्ष्य रखें.

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4. स्ट्रेस को मैनेज करें

पीसीओएस स्ट्रेस पैदा कर सकता है जो लक्षणों को और खराब कर सकता है और प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है. रिलेक्सेशन टेक्निक, डीप ब्रीदिंग और योग के जरिए स्ट्रेस को मैनेज करने से प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद मिल सकती है.

5. पॉजिटिव रहें

पीसीओएस और इनफर्टिलिटी से निपटना तनावपूर्ण और भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है. पॉजिटिव बने रहना, सहायता प्राप्त लेना और स्ट्रीटमेंट ऑप्शन्स के बारे में जागरुक रहना आपको पीसीओएस की चुनौतियों से उबरने में मदद कर सकता है और आपके गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ा सकता है.

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6. मेडिकेशन लें

दवाएं पीरियड साइकिल को रेगुलेट करने और ओव्यूलेशन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. कुछ मामलों में डॉक्टर कुछ दवाएं लिख सकते हैं.

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7. मेडिकल हेल्प लें

अगर आप एक साल से ज्यादा समय से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं या इर्रेगुलर पीरियड्स हो रहे हैं, तो मेडिकल हेल्प लें. आपका डॉक्टर टेस्ट की सिफारिश कर सकता है, जैसे ब्लड टेस्ट या अल्ट्रासाउंड और आईवीएफ.

8. धूम्रपान छोड़ दें

धूम्रपान प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है और पीसीओएस के लक्षणों को खराब कर सकता है. धूम्रपान छोड़ने से प्रजनन क्षमता और ऑलओवर हेल्थ में सुधार करने में मदद मिल सकती है.

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पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं हेल्दी लाइफस्टाइल ऑप्शन बनाकर प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ा सकती हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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