खड़े होकर पानी क्यों नहीं पीना चाहिए, क्या सेहत पर इसका बुरा असर होता है...

Why You Should Not Drink Water While Standing: फिट रहने के लिए जितना जरूरी है पौष्टिक आहार, उतना ही जरूरी है पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन. अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है. इस लेख में जानें पानी का कितना सेवन करना चाहिए और कैसे करना चाहिए.  

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Why You Should Not Drink Water While Standing: जानिए खड़े होकर पानी पीने से क्या होता है.

Why You Should Not Drink Water While Standing: हमारा शरीर स्वस्थ रहे,  इसके लिए बहुत जरूरी है कि पौष्टिक आहार के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन किया जाए. अक्‍सर लोग कहते हैं कि खड़े होकर पानी का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे घुटनों में दर्द, गठिया, सूजन आदि की समस्या हो जाती है. कई लोग यह भी कहते हैं कि अगर खड़े होकर पानी पीया जाए तो यह किडनी, लिवर के लिए भी नुकसानदायक होता है. आज इस लेख में जानें आखिर खड़े होकर पानी पीने से शरीर पर क्‍या-क्‍या असर होता है, और पानी पीने का सही तरीका क्या होना चाहिए.

क्या खड़े होकर पानी पीना चाहिए?

अक्‍सर लोग कहते हैं कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. इसका कारण यह देते हैं कि इस तरह से पानी पीने से वह सीधे घुटनों में चला जाता है, जिससे गठिया आदि की समस्या हो सकती है. ये भी कहा जाता है कि ऐसा करने से किडनी से संबंधित कई समस्याएं हो सकती है, पाचन क्रिया खराब हो जाती है आदि.

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हालांकि अभी तक ऐसा कोई शोध सामने नहीं आया है जिसमें यह साबित होता हो कि खड़े होकर पानी पीने से शरीर को ऐसा नुकसान हो सकता है. आईसीएमआर ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पानी किसी भी तरीके से पिया जा सकता है. जिन बीमारियों को लेकर भ्रांतियां हैं, उन बीमारियों का खड़े होकर पानी पीने से कोई सीधा संबंध नहीं है.

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खड़े होकर पानी पीने के नुकसान:

गठिया का खतरा : जब आप खड़े होकर गटागट पानी पीते हैं, तो नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ता है और टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ जाती है. इस प्रक्रिया में जोड़ों में तरल पदार्थ जमा होने की संभावना होती है, जिससे गठिया हो सकता है और हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है.

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फेफड़ों पर प्रभाव : खड़े होकर पानी पीने से आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन लिवर और पाचन तंत्र तक ठीक से नहीं पहुंच पाते, और यह तेजी से शरीर से गुजर जाता है. इससे फेफड़ों और हृदय की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल असर पड़ता है, क्योंकि ऑक्सीजन का स्तर प्रभावित हो सकता है.

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पाचन समस्याएं : खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. जब पानी तेजी से भोजन नली से होकर पेट में पहुंचता है, तो यह नुकसानदेह होता है. इस गति से पीने से नसों में तनाव बढ़ता है, जिससे तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है और टॉक्सिन्स और बदहज़मी की समस्या उत्पन्न होती है.

किडनी पर प्रभाव : किडनी तब बेहतर तरीके से काम करती है जब हम बैठे होते हैं. खड़े होकर पानी पीने से यह सीधे पेट के निचले हिस्से में पहुंचता है, बिना फिल्टर किए हुए. इससे पानी में मौजूद अशुद्धियां मूत्राशय में जमा हो जाती हैं, जो किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं और यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण की संभावना बढ़ाती हैं.

पानी कैसे पीएं?

भोजन करते समय या उसके तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. जब एक्‍सरसाइज करें तो अधिक पानी न पीएं. जब भी प्यास लगे तो एक बार में ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए. धीरे-धीरे पानी पीएं. लेटकर पानी पीने से बचना चाहिए. स्वस्थ रहने के लिए एक वयस्‍क व्‍यक्ति को प्रतिदिन 2.5 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए.

पानी पीने का सही तरीका क्या है?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, पानी बैठकर पीना सबसे सही तरीका है. कुर्सी पर बैठकर, पीठ सीधी रखते हुए पानी पीने से पोषक तत्व मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और मस्तिष्क की गतिविधि में सुधार होता है. इसके अलावा, इससे पाचन तंत्र भी बेहतर काम करता है और पेट में सूजन या गैस की समस्या नहीं होती.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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