What to do after dog bite : रेबीज, कुत्तों के काटने से फैलने वाला एक जानलेवा रोग है, जिससे दुनिया भर में हर साल हजारों मौतें होती हैं. इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे कंट्रोल करने के लिए हर साल 28 सितंबर को 'वर्ल्ड रेबीज डे' मनाया जाता है. इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक रेबीज से होने वाली मौतों को जीरो करना है.
भारत में आवारा कुत्तों की समस्या के चलते डॉग बाइट्स के मामले बढ़े हैं. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 'नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम' शुरू किया है. इसके तहत देश के हर जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे, जहां ट्रेंड स्टाफ लोगों को रेबीज के बारे में जागरूक करेगा और उचित उपचार प्रदान करेगा.
ऐसे में आइए जानते हैं सफदरजंग असप्ताल के प्रो. डॉक्टर अनूप कुमार से कुत्ता काटने पर सबसे पहले क्या काम करें और रैबीज के लक्षण.
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रैबीज के लक्षण
- हाइड्रोफोबिया यानी पानी का डर
- काटने वाली जगह पर दर्द सुन्नता, खुजली या चुभन
- गले में ऐंठन और मुंह से झाग आना
- बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, मतली, चिड़चिड़ापन और तनाव
डॉग बाइट के बाद क्या करें? डॉक्टर की सीधी सलाह
डॉक्टर अनूप बताते हैं कि जैसे ही कुत्ता काटे, बिना एक पल भी गंवाए, उस जगह को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं. ये पहला और सबसे जरूरी काम है. इसके बाद उसी दिन अपने नजदीकी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में जाकर रेबीज का टीका (वैक्सीन) जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी लगवा लें.
आपको बता दें कि डॉक्टर रेबीज पीड़ितों को तीन कैटेगरी में बांटते हैं:
- पहली, बस खरोंच या कुत्ते की लार लग गई.
- दूसरी, घाव हुआ और थोड़ा खून निकला.
- तीसरा गहरा घाव है और खून तेजी से बह रहा है. (इसमें वैक्सीन के साथ 'सीरम' का इंजेक्शन भी लगता है, जो सीधा रेबीज वायरस पर अटैक करता है.)
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)