HPV Vaccine: इन दिनों सेहत से जुड़ी एक और वैक्सीन का जिक्र आप बार-बार सुन रहे होंगे. जिसका नाम है एचपीवी वैक्सीन. HPV का फुल फॉर्म है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस. जो सेक्सुअल एक्टिविटी की वजह से फैलती है. एचपीवी की वजह से जेनाइटल पार्टस में वार्ट यानी कि मस्से हो सकते हैं. कुछ एचपीवी स्ट्रेन्स ऐसे भी होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. कई बार एचपीवी को शरीर का इम्यून सिस्टम ही बाहर कर देता है.
लेकिन ये वायरस अगर शरीर में ज्यादा लंबे समय तक टिक गया तो कैंसर का कारण भी बन सकता है. यही वजह है कि इसकी वैक्सीन लगवा लेने से महिला और पुरुष दोनों इसके कैंसर से बच सकते हैं.
क्या करती है एचपीवी वैक्सीन? (What does the HPV vaccine do?)
एचपीवी का टीका जेनाइटल वार्ट से बचाते हैं साथ ही कई केसेस में सर्वाइकल कैंसर से भी बचाव करते हैं. ये वजाइना के कैंसर से बचाता है साथ ही वॉल्वा, पनिस और एनस के कैंसर से भी बचाव करता है. एचपीवी की वजह से मुंह, गला, हेड और गर्दन का कैंसर भी हो सकता है. वैक्सीन लगने से उससे भी बचाव होता है. वैक्सीन की वजह से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और एचपीवी से बच सकता है. वैक्सीन लगने के बाद एचपीवी वायरस को शरीर से बाहर करना इम्यून सिस्टम के लिए आसान हो जाता है.
किसके लिए है एचपीवी की वैक्सीन? (Who is the HPV vaccine for?)
एचपीवी की वैक्सीन गार्डसिल 9 यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अप्रूव की है. ये वैक्सीन नौ साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को दी जा सकती है. दूसरी वैक्सीन के साथ ही ये वैक्सीन भी दी जा सकती है. इसके लिए आइडियल एज वो मानी गई है कि जब भी कोई पर्सन सेक्सुअली एक्टिव होता है, उस एज से पहले ये वैक्सीन लग जानी चाहिए. एक बार वायरस शरीर में एंटर हो जाए तो ये वैक्सीन इफेक्टिव नहीं रहती. पंद्रह साल से कम उम्र के लोगों को छह छह महीने के अंतराल में ये वैक्सीन दो बार दी जा सकती है.
15 से 26 साल की उम्र में अगर वैक्सीनेशन हो रहा है तो छह महीने के अंतराल में तीन बार वैक्सीन लगनी चाहिए. लेकिन 27 साल के बाद अगर वैक्सीन लगवानी है तो एक बार हेल्थ केयर टीम से जरूर चर्चा की जानी चाहिए.
किसे नहीं लग सकती एचपीवी वैक्सीन? (Who cannot get the HPV vaccine?)
एचपीवी वैक्सीन किसी प्रेग्नेंट महिला को नहीं लगाई जा सकती है. किसी को इससे एलर्जी हो तो भी उसे ये वैक्सीन नहीं देनी चाहिए. खासतौर से अगर एलर्जी लाइफ थ्रेटनिंग हों तो बिलकुल भी नहीं.
ज्यादा गंभीर बीमारी से पीड़ितों को भी वैक्सीन नहीं दी जा सकती है.
एचपीवी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
कई स्टडीज में ये पाया गया है कि वैक्सीन सभी के लिए सेफ है. हालांकि कुछ केसेस में डिजिनेस या बेहोशी के लक्षण दिख सकते हैं. ऐसा होने पर पंद्रह मिनट का रेस्ट लेना बेहतर होगा. सिरदर्द, नोजिया, वॉमिटिंग, फटीग और वीकनेस भी हो सकता है.
एचपीवी के बाद पीप टेस्ट
जो महिलाएं एचपीवी टेस्ट ले चुकी हैं, उन्हें भी पेप टेस्ट लेना होता है. 21 साल की उम्र से ही सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए रेगुलर पेप टेस्ट लेना चाहिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)