एचआईवी वायरल लोड किसी भी इंसान के खून में एचआईवी की मात्रा के बारे में बताता है. एचआईवी ट्रीटमेंट का मकसद वायरल लोड को तब तक कम करना है जब तक कि वायरस का पता लगाना असंभव हो जाए. जांच में इसका पता नहीं लगने का मतलब है कि यह एक से दूसरे शख्स तक फैल नहीं सकता है. जिन लोगों में कम से कम 6 महीने तक पता न चलने वाला वायरल लोड होता है, वे यौन संपर्क के माध्यम से एचआईवी को फैला भी नहीं कर सकते हैं. आइए, जानते हैं कि एचआईवी से पीड़ित लोगों और उनके भागीदारों के लिए वायरल लोड का क्या मतलब है? वायरल लोड और सीडी4 स्तरों के बीच संबंध की जांच और निगरानी कैसे की जाती है?
क्या होता है एचआईवी वायरल लोड का टेस्ट, कैसे मापते हैं? (What is HIV viral load test and how is it measured?)
जब कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है, तो वायरस उसके ब्लड में कॉपीज बनाता है. वायरस की जितनी अधिक कॉपीज होंगी, पीड़ित का वायरल लोड उतना ही ज्यादा होगा. अगर खून में एचआईवी कॉपीज की संख्या अधिक है, तो इसका मतलब है कि योनि द्रव और वीर्य जैसे दूसरे शारीरिक फ्लुइड में भी इसकी संख्या ज्यादा है. मेडिकल प्रोफेशनल्स एचआईवी वायरल लोड को खून के प्रति मिलीलीटर कॉपीज (कॉपीज/एमएल) में मापते हैं. वे इस माप का उपयोग ट्रीटमेंट के बाद एचआईवी की स्थिति की जांच करने और फिर रिकवरी की निगरानी करने के लिए करते हैं.
कब पड़ती है एचआईवी वायरल लोड के टेस्ट की जरूरत? (When is an HIV viral load test needed?)
जब कोई डॉक्टर पहली बार एचआईवी का ट्रीटमेंट करता है तो वह आमतौर पर व्यक्ति के वायरल लोड की जांच करता है. एचआईवी वाले लोगों को स्थिति की निगरानी के लिए वायरल लोड टेस्ट को दोहराने की भी जरूरत होती है. एचआईवी संक्रमित लोगों को हर 6 महीने में एक बार और ट्रीटमेंट के पहले 1-2 वर्षों के दौरान अधिक बार टेस्ट करवाना चाहिए. पीड़ित को अपनी दवा में किसी भी बदलाव के बाद या उसके लक्षणों में बदलाव होने पर भी जांच करवाना चाहिए. अगर टेस्ट से पता चलता है कि वायरल लोड बढ़ रहा है, तो ट्रीटमेंट को बदलने या बढ़ाने की जरूरत हो सकती है.
एचआईवी वायरल लोड का टेस्ट कैसे किया जाता है? (How is the HIV viral load test done?)
एचआईवी वायरल लोड के टेस्ट के लिए साधारण ब्लड टेस्ट की तरह सैंपल लिया जाता है. इस जांच के लिए पहले से किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती है. ब्लड सैंपल को वायरल लोड और सीडी4 काउंट का टेस्ट करने के लिए लैब में भेजा जाता है. सीडी4 कोशिकाएं एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका होती हैं, जिस पर एचआईवी हमला करता है. वायरल लोड टेस्ट में एचआईवी के पता लगाने लायक लेवल को देखकर डॉक्टर आगे का इलाज शुरू करते हैं.
वायरल ब्लिप क्या है? कब होती है अगले लेवल की जांच की जरूरत (What is a viral blip? When is the next level of investigation needed?)
अगर किसी व्यक्ति को अभी तक कोई ट्रीटमेंट नहीं मिला है, किसी ने डॉक्टर के बताए दवाइयों को लेना बंद कर दिया है या अगर वायरस ने दवाओं के मुकाबले में रेजिस्टेंट विकसित कर लिया है, तो उसका वायरल लोड अधिक हो सकता है. इलाज के दौरान भी लोगों को वायरल लोड में थोड़ी वृद्धि का भी अनुभव हो सकता है. इसे वायरल ब्लिप के रूप में जाना जाता है. आमतौर पर नियमित दवा लेते रहने से ये अपने आप ठीक हो जाती है. अगर वायरल लोड बढ़ना जारी रहता है या टेस्ट में लगातार ब्लिप दिखता है तो अगले लेवल की जांच की जरूरत पड़ती है.
एचआईवी वायरल लोड के मामले में यू=यू का क्या मतलब होता है? (What does U=U mean when it comes to HIV viral load?)
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) शुरू करने के बाद, किसी मरीज का एचआईवी वायरल लोड कम संख्या के साथ वापस आ सकता है. ऐसा होने का मतलब है कि इलाज काम कर रहा है और एचआईवी अब आगे नहीं बढ़ रहा है. वायरल लोड जितना कम होगा, वायरस को दूसरों तक पहुंचाने का जोखिम उतना ही कम होगा. बड़े पैमाने पर किए गए शोध से पता चला है कि जब एचआईवी का पता नहीं चल पाता है, तो यह कंडोम के बिना भी सेक्स के ज़रिए लगभग अनट्रांसमिटेबल हो जाता है. इस अवधारणा को यू=यू के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब है अनडिटेक्टेबल = अनट्रांसमिटेबल.
कम से कम 6 महीने तक अनडिटेक्टेबल वायरल लोड होना क्यों जरूरी? (Why is it important to have an undetectable viral load for at least 6 months?)
कम से कम 6 महीने तक अनडिटेक्टेबल वायरल लोड होने का मतलब है कि किसी शख्स के एचआईवी-नेगेटिव पार्टनर को यौन संबंध से वायरस ट्रांसमिट करने का जोखिम बिल्कुल भी नहीं है. गर्भावस्था और प्रसव, स्तनपान या सिरिंज शेयर करने के माध्यम से संक्रमण संभव हो सकता है, लेकिन जोखिम काफी कम हो जाता है. कई टेस्ट ब्लड में 40 कॉपीज/एमएल को अनडिटेक्टेबल वायरल लोड बताते हैं, लेकिनअलग-अलग लैब में अलग-अलग सीमाएं हो सकती हैं. टेस्ट के रिपोर्ट में लक्ष्य का पता नहीं चला, एनडी या नकारात्मक लिखा जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)