एक शोध में यह बात सामने आई है कि वियरेबल हार्ट साउंड डिवाइस दिल की धड़कनों को लगातार मॉनिटर करते है. यह डिवाइस हार्ट डिजीज का पता लगाने में मदद करते है. यह समय से बीमारी का पता लगाने और इसके इलाज में भी मदद करने का काम करते है. हार्ट रिलेटेड डिजीज ग्लोबल हेल्थ संकट बने हुए हैं, जिससे बीमारी का पता लगाने वाले नए डिवाइस की मांग तेजी से बढ़ रही है. यह डिवाइस बीमारी का जल्दी पता लगाने और उनके इलाज को आसान बनाते है. हांगकांग के सिटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि ये अत्याधुनिक प्रगति हार्ट हेल्थ के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करके रोगी की देखभाल और परिणामों को बेहतर बनाने का वादा करती है.
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शोधकर्ताओं ने क्या कहा?
हांगकांग के सिटी यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर और इस क्षेत्र के अग्रणी शोधकर्ता डॉ. बी लुआन खो ने कहा, "वियरेबल हार्ट साउंड डिवाइस पर हमारा काम हार्ट डिजीज की शीघ्र पहचान और निगरानी में एक बड़ा कदम है."
खो ने कहा, "इन उपकरणों में ज्यादा सटीक, वास्तविक समय पर हार्ट हेल्थ डेटा प्रदान करने की क्षमता है, जो हार्ट हेल्थ के क्षेत्र में हमारे तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा."
स्टेथोस्कोप जैसे डिवाइस हार्ट रिलेटेड डिजीज के डायग्नोस के लिए लंबे समय से वैल्युएबल रहे हैं, लेकिन जब निरंतर निगरानी की बात आती है तो वे कम पड़ जाते हैं.
"ये तकनीक परिवर्तनकारी समाधान"
शोधकर्ताओं ने कहा, "ये पहनने योग्य तकनीक एक परिवर्तनकारी समाधान के रूप में उभरी है, जो हार्ट वेसल्स की निरंतर और वास्तविक समय पर ट्रैकिंग को सक्षम बनाती है. हालांकि, सेंसिटिविटी, आराम और डेटा सटीकता जैसी चुनौतियां अभी भी व्यापक रूप से अपनाने में बाधा डालती हैं."
ये बाधाएं मौजूदा सीमाओं को दूर करने और वैश्विक स्तर पर हार्ट हेल्थ मॉनिटरिंग में सुधार करने के लिए वियरेबल हार्ट साउंड डिवाइस को आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर देती है.
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यह शोध पारंपरिक स्टेथोस्कोप से अत्याधुनिक पहनने योग्य सेंसर तक की परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डालता है जो लगातार हार्ट एक्टिविटी की निगरानी को सक्षम बनाता है. इसमें नरम, लचीले डिजाइन वाले मैकेनोएकॉस्टिक सेंसर का विकास शामिल है जो हाई सेंसिटिविटी और विशिष्टता बनाए रखते हुए यूजर्स के आराम को प्राथमिकता देते हैं.
अध्ययन में इन सेंसरों के मेडिकल एप्लीकेशन्स पर गहनता से विचार किया गया है, तथा एक ऐसे भविष्य की कल्पना की गई है, जहां पर्सनल हेल्थ केयर और दूरस्थ निगरानी को हार्ट डिजीज के इलाज में इंटीग्रेटेड किया जा सके.
इन नतीजों से मरीजों के रियल टाइम डाटा के जरिए उनकी वास्तविक मौजूदा स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है जिससे दिल की बीमारियों के इलाज में काफी मदद मिलेगी.
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