डिमेंशिया जैसी मस्तिष्क संबंधी गंभीर बीमारी से बचने के लिए अब दवाओं से ज्यादा आपका खाना असरदार हो सकता है. इसे लेकर कई रिसर्च हुई हैं. इनमें दावा किया गया है कि यदि आप अपने दैनिक आहार में फ्लेवोनॉइड युक्त खाद्य पदार्थों की 6 अतिरिक्त सर्विंग्स शामिल करते हैं, तो डिमेंशिया का खतरा 28 फीसदी तक कम हो सकता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक फ्लेवोनॉइड्स प्राकृतिक यौगिक होते हैं, जो फलों, सब्ज़ियों, चाय, डार्क चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं. इनका संबंध बेहतर मस्तिष्क स्वास्थ्य, सूजन कम करने और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को घटाने से जोड़ा गया है.
रिसर्च के मुताबिक, फ्लेवोनॉइड युक्त आहार से जो उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), डिप्रेशन या जिन्हें अनुवांशिक रूप से डिमेंशिया का रिस्क है उन्हें ज्यादा फायदा होता है. द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो गट बैक्टीरिया और फ्लेवोनॉइड से भरपूर खाद्य सामग्री हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में बहुत फायदेमंद है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि जब हम इनका सेवन करते हैं तो आंत में पाया जाने वाले बैक्टीरिया इन्हें ब्रेक करने में मदद करता है.
ये भी पढ़ें: ज्वाला गुट्टा ने ब्रेस्ट मिल्क किया दान: जानें क्या है 'लिक्विड गोल्ड' का महत्व
यह अध्ययन इस ओर इशारा करता है कि सही पोषण न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है. ऐसे कुछ फल और फूड प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें रोजाना आहार में शामिल करने से दिक्कतें कम हो सकती हैं. इसमें सेब, संतरा, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां, ग्रीन या ब्लैक टी, डार्क चॉकलेट, सिट्रस फ्रूट्स और अंगूर शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लावोनॉयड्स मस्तिष्क में कोग्नेटिव फंक्शंस को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और उम्र के साथ आने वाले मेंटल डिक्लाइन को धीमा कर सकते हैं.
डिमेंशिया जैसे मानसिक रोग से बचाने के लिए भोजन में फ्लावोनॉयड युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है. सिर्फ स्वाद ही नहीं, यह आपके मस्तिष्क के लिए भी एक शक्तिशाली रक्षा कवच का काम कर सकता है.
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)