Sneezing Allergy : अगर आप उन लोगों में से हैं जिनकी आँख खुलते ही छींकों की एक लंबी रेलगाड़ी शुरू हो जाती है, तो आप अकेले नहीं हैं. यह एक ऐसी समस्या है जो लाखों लोगों को परेशान करती है. हमें लगता है कि शायद रात में ठंड लग गई होगी या जुकाम हो गया होगा, लेकिन दिन चढ़ते ही जब यह तकलीफ गायब हो जाती है, तो हम हैरान रह जाते हैं. बिना किसी सर्दी या जुकाम के, सिर्फ सुबह के वक्त ही इतनी छींकें क्यों आती हैं?
असल में, यह हमारे शरीर का एक सुरक्षा तंत्र है. जैसे ही नाक को कोई बाहरी चीज़ पसंद नहीं आती, वह उसे ज़ोर से बाहर फेंकने की कोशिश करती है-यही छींक है. लेकिन सुबह के समय ही यह प्रतिक्रिया क्यों तेज हो जाती है, आइए समझते हैं इसके पीछे के मुख्य कारण क्या हैं और हम इसे कैसे रोक सकते हैं.
मुझे रोज सुबह उठने के बाद छींक क्यों आती है? सुबह-सुबह ज्यादा छींक आने का क्या कारण है? रोज सुबह उठते ही छींक आए तो क्या करें
1. आपका बिस्तर ही असली विलेन है
मान लीजिए आपका बिस्तर, तकिया और गद्दा एक छोटा सा घर है, और इस घर के अंदर रहते हैं बहुत छोटे-छोटे जीव जिन्हें 'धूल के कण' (Dust Mites) कहते हैं. ये जीव आपको दिखते नहीं हैं, लेकिन ये आपकी त्वचा के मृत कणों पर पलते हैं. जब आप रात भर शांति से सोए रहते हैं, तो ये कण आपके बिस्तर में जमा होते रहते हैं.
सुबह जैसे ही आप करवट बदलते हैं या उठने के लिए हिलते हैं, ये लाखों धूल कण हवा में उड़ने लगते हैं. जब आप सुबह की पहली गहरी साँस लेते हैं, तो ये कण सीधे आपकी नाक में घुस जाते हैं. आपकी नाक तुरंत इसे एलर्जी मानकर बाहर निकालने की कोशिश करती है, और नतीजा? लगातार छींकें आना शुरू! यह सुबह की छींकों का सबसे पक्का कारण है.
2. रात भर कमरे में जमा हुई चीज़ें
अगर आपके घर में प्यारा सा पालतू जानवर है, तो उसके बाल (रोयें) रात भर हवा में घूमते रहते हैं और आपके बिस्तर पर जम जाते हैं. इसी तरह, अगर बाहर हवा चल रही है तो पौधों के पराग कण भी खिड़की से अंदर आ जाते हैं. ये सारी चीज़ें रात भर आपके बेडरूम में ‘डेरा' डाल लेती हैं. सुबह जब आपकी नाक, जो रात भर आराम कर रही थी, अचानक इन चीज़ों के संपर्क में आती है, तो वह झट से ओवररिएक्ट करती है.
3. गरम से ठंडा और ठंडा से गरम
सोचिए, आप रात भर रजाई या कंबल के अंदर हैं, जहाँ का तापमान बहुत आरामदायक और गर्म है. सुबह आप अचानक उठकर उस ठंडी हवा या ठंडे फर्श पर पैर रखते हैं. यह तापमान का अचानक बदलाव आपकी नाक के लिए एक तरह का झटका होता है. हमारी नाक के अंदर की चमड़ी बहुत संवेदनशील होती है. यह झटके को बर्दाश्त नहीं कर पाती और छींक मारकर अपनी असुविधा ज़ाहिर करती है. इसे एलर्जी नहीं, बल्कि एक तापमान प्रतिक्रिया समझना चाहिए.
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4. खुशबूदार चीज़ें भी करती हैं परेशान
कई बार हमें पता भी नहीं चलता, लेकिन कमरे में रखी चीज़ों की तेज खुशबू भी हमें परेशान कर सकती है. जैसे, कुछ लोग तेज परफ्यूम लगाकर सोते हैं, या मच्छर भगाने वाली मशीन का लिक्विड, या किसी नए डिटर्जेंट की महक. रात भर बंद कमरे में ये महकें जमा हो जाती हैं और सुबह आपकी नाक को खुजली करने लगती हैं.
5. पेट की थोड़ी सी गड़बड़ी
यह सुनकर शायद आपको अजीब लगे, लेकिन कभी-कभी पेट की समस्याएं भी सुबह की छींकों का कारण बन सकती हैं. अगर रात में पेट का एसिड थोड़ा सा ऊपर की ओर आ जाता है (जिसे एसिड रिफ्लक्स कहते हैं), तो यह गले और नाक के पिछले हिस्से को परेशान करता है. इससे सुबह उठने पर छींक और खाँसी दोनों आ सकती है.
रोज सुबह छींक आए तो क्या करें?
अच्छी खबर यह है कि आप इन छींकों पर काबू पा सकते हैं. इसके लिए आपको कोई महंगी दवाई नहीं, बल्कि अपनी आदतों और बेडरूम में बदलाव लाना होगा.
अपने बेडरूम को 'एलर्जी फ्री' बनाएं :
- चादरें धोते रहें: अपने बिस्तर की चादरों, तकिए के कवर और गद्दे के कवर को हर हफ्ते गर्म पानी में धोएं. यह धूल के कणों को मार देता है.
- कालीन हटा दें: अगर हो सके तो बेडरूम से भारी कालीन और पर्दे हटा दें, क्योंकि ये एलर्जी फैलाने वाली चीज़ों को जमा करने के 'स्पंज' होते हैं.
- सफाई का तरीका: झाड़ू लगाने के बजाय, नम (गीले) कपड़े से रोज़ाना सफाई करें ताकि धूल हवा में न उड़े.
अपनी आदतों में सुधार करें:
- धीरे से उठें: सुबह उठने की जल्दी न करें. बिस्तर पर दो मिनट बैठें और शरीर को बाहरी तापमान के लिए तैयार करें.
- चेहरा धोएं: उठते ही गुनगुने पानी से चेहरा धोएं. इससे नाक के रास्ते में जमा हुए एलर्जन बाहर निकल जाते हैं.
- नमक पानी से सफाई (नेति): अगर एलर्जी बहुत ज़्यादा है, तो गुनगुने नमक वाले पानी से नाक को साफ करना (जल नेति या नेजल वॉश) एक बेहतरीन आयुर्वेदिक तरीका है. यह नाक के रास्ते को पूरी तरह खोल देता है.
- पानी पिएं: सुबह उठकर एक गिलास सादा पानी पीने से शरीर की अंदरूनी सफाई शुरू हो जाती है.
माहौल को काबू में रखें:
एयर प्यूरीफायर: अगर घर में बहुत धूल है, तो एक अच्छा एयर प्यूरीफायर लगाने पर विचार करें. यह हवा से छोटे-छोटे कणों को छान देता है.
पालतू जानवर: पालतू जानवरों को अपने बेडरूम या बिस्तर से दूर रखें.
सुबह की छींकें अक्सर हमें यह बताने की कोशिश कर रही होती हैं कि आपके बेडरूम की हवा उतनी साफ नहीं है जितनी होनी चाहिए. थोड़ा सा ध्यान और थोड़ी सी सफाई, और आप देखेंगे कि आपकी सुबह की शुरुआत छींकों की बारिश से नहीं, बल्कि एक ताज़ी साँस से होगी. अगर यह परेशानी बहुत ज़्यादा बढ़ जाए, तो किसी डॉक्टर या एलर्जी विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














