सिकल सेल रोगियों को हो सकती है कॉग्निटिव समस्याएं- शोध में हुआ खुलासा

Sickle Cell Disease: एक शोध में यह बात सामने आई है कि सिकल सेल रोग वाले लोगों में उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) समस्याओं का कारण हो सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Sickle Cell Disease: सिकल सेल रोग एक तरह का जेनेटिक विकार है.

सिकल सेल रोग एक तरह का जेनेटिक विकार है. इसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य आकार में बदल जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा कर सकती हैं. इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. 
एक शोध में यह बात सामने आई है कि सिकल सेल रोग वाले लोगों में उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) समस्याओं का कारण हो सकते हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को याद रखने, ध्यान केंद्रित करने, सीखने और समस्या-समाधान में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक के बिना भी इन स्थितियों का सामना करना पड़ता है. इसे समझने के लिए सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने सिकल सेल रोग से पीड़ित और बिना सिकल सेल रोग वाले 200 से अधिक युवा वयस्कों की जांच की. इन सभी का एमआरआई स्कैन और संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) टेस्‍ट किया गया. प्रत्येक व्यक्ति की मस्तिष्क आयु की गणना एक मस्तिष्क आयु पूर्वानुमान उपकरण का उपयोग करके की गई थी. अनुमानित मस्तिष्क आयु की तुलना व्यक्ति की वास्तविक आयु से की गई. जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि सिकल सेल रोग वाले प्रतिभागियों का मस्तिष्क उनकी वास्तविक आयु से औसतन 14 वर्ष अधिक पुराना दिखाई देता था.

ये भी पढ़ें- चेहरे पर हो गए हैं दाग-धब्बे तो महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स नहीं बल्कि इन दो आर्युवेदिक चीजों का करें इस्तेमाल, स्किन एक्सपर्ट ने बताए टिप्स

Advertisement

अधिक उम्र के दिखने वाले मस्तिष्क वाले सिकल सेल प्रतिभागियों ने संज्ञानात्मक परीक्षणों में भी कम अंक प्राप्त किए. टीम ने कहा, इसके अलावा शोध से यह बात सामने आई कि आर्थिक अभाव का सामना करने वाले लोगों क मस्तिष्क भी अधिक वृद्ध दिखाई देता है.'' औसतन, गरीबी का सामना कर रहे स्वस्थ व्यक्तियों में मस्तिष्क की आयु और प्रतिभागियों की वास्तविक आयु के बीच सात साल का अंतर पाया गया.

Advertisement

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी मेडिसिन में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर एंड्रिया फोर्ड ने बताया, "सिकल सेल रोग जन्मजात होता है. इस बीमारी में मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं पहुंचता.'' अध्ययन में कहा गया कि सिकल सेल रोग और आर्थिक अभाव के मस्तिष्क संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने की आवश्यकता है. टीम ने यह भी नोट किया कि न्यूरोलॉजिकल स्थितियों वाले रोगियों की मदद करने के लिए एक सिंगल एमआरआई स्कैन एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है.

Advertisement

हेपेटाइटिस बी: लक्षण, कारण और उपचार | Hepatitis B: Symptoms, Causes & Treatment

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections 2025: Arvind Kejriwal पर हुए हमले पर क्या बोले Parvesh Verma