गर्भपात कितना दर्दनाक और दिल टुटने वाला हो सकता है, यह किसी महिला से बेहतर कौन जान सकता है, जिसने इसका अनुभव लिया हो. बच्चा होने की आशाएं और खुशियां एक ही पल में मिट्ठी में मिल जाती हैं. कुछ महिलाओं को इस घटना से बार-बार जूझना पड़ता है. जिन महिलाओं का तीन या अधिक बार गर्भपात हो चुका है, उन्हें चिकित्सकीय रूप में रिकरंट मिसकेरेज (Recurrent Miscarriages)मतलब आवर्तक गर्भपात की समस्या कहा जाता है. अब सवाल यह उठता है कि रिकरंट मिसकेरेज (Recurrent Miscarriages) क्या होता है और आवर्तक गर्भपात सह चुकीं महिलाओं का BOH और पूर्व प्रसूती इतिहास खराब होता हैं. और उन्हें समस्याओ के सटीक कारण का पता लगाने के लिए उसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए.
क्या है वजह
गर्भपात जल्द होने के सबसे आम कारणों में बच्चे की अनुवंशिक समस्या भी शामिल हैं. भ्रूण के विकास दौरान क्रोमोसोमल संबंधी समस्याओं से बच्चे का सर्व सामान्य विकास नहीं हो पाता.
कैसे करते हैं डाइग्नोज
गर्भाशय की इस स्थिति को डाइग्नोज करने के लिए सोनोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका उपयोग ब्लॉटेड ओव्हम (गर्भाशय के अंदर गर्भ न रहना) या मिस्ड गर्भपात के निदान के लिए होता है. जिसमें कुछ हफ्ते में बच्चे का सामान्य विकास हो तो जाता है, मगर अचानक से बच्चे का दिल धड़कना बंद होता है. ऐसे गर्भपात में कोई लक्षण या सूचना नहीं मिलती, यह सिर्फ सोनोग्राफी से पता चलता है कि गर्भ नहीं रहा. इस कारण से, भ्रूण और संबंधित माता-पिता का अनुवंशिक स्तर (कैरियोटाइपिंग) का परीक्षण करना पड़ता है.
ये भी हो सकते हैं कारण:
कम जगह या दो गर्भाशय : आवर्तक गर्भपात कि वजह अस्वस्थ गर्भाशय भी हैं. सेप्टम (गर्भाशय का विभाजन करनेवाली झिल्ली) जैसे जन्म दोश के कारण गर्भ को बढने के लिए जगह कम होना या फिर एक के जगह दो गर्भाशय होने से, और गर्भाशय में फायब्रोईड्स की वजह से बार बार मिसकेरेज का जोखिम बढ़ जाता है. लेकिन लेपरोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी से इन समस्याओं का इलाज की जा सकता हैं, जिससें पेशंट सामान्य गर्भावस्था कर सकता हैं.
शरीर करता है अस्वीकार : आजकल, हम एक साधारण रक्त परीक्षण से रोग प्रतिरोधक समस्याओं का निदान कर सकते हैं. जिन महिलाओं का शरीर गर्भ को स्वीकार नहीं कर पाता है, और गर्भावस्था दौरान भ्रूण पराया मानकर गिराने की कोशिश करता हैं, उनका उचित उपचार रक्त में आसानी से घुल जानेवाली गोलियों और इंजेक्शन के माध्यम से किया जा सकता है.
कुछ संक्रमण: टोक्सोप्लाज्मोसिस, दाद, सायटोमेलोइरस जैसे संक्रमण से भी गर्भपात हो सकता है. पर इनके प्रमाण कम हैं. हालांकि, इन समस्याओं का उचित इलाज भविष्य में गर्भधारण में भी मदद कर सकता है.
हार्मोन्स की कमी : हार्मोन्स की कमी से कभी-कभी गर्भपात हो सकते है, लेकिन अगर प्रारंभिक गर्भावस्था में हार्मोनल सपोर्ट देणे से सह समस्या आसानी सें दूर हो सकती हैं. एक कमजोर और अक्षम गर्भाशय 5 से 6 महीने में गर्भपात का कारण बनता है. ऐसे में गर्भाशय ग्रीवा में टांके लगाने से अच्छे परिणाम मिलते हैं और इस प्रक्रिया के बाद 7 महीने तक गर्भावस्था को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है.
गर्भावस्था से पहले सभी परीक्षण और निदान करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि जल्द से जल्द उनका इलाज किया जा सके.
(यह लेख डॉ. रिश्मा ढिल्लोन पै से बातचीत पर आधारित है, जो सलाहकार, स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जसलोक और लीलावती हॉस्पिटल्स, मुंबई में)
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