Male Menopause: महिलाओं की तरह पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज, जानें इसके लक्षण और सावधानियां

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पुरुषों में भी मेनोपॉज होता है. हालांकि पुरुषों को महिलाओं की तरह नियमित पीरियड नहीं आता. पर हार्मोनल बदलाव के चलते एक नई अवस्था से वे भी गुजरते हैं. पुरुषों में मेनोपॉज के पीरियड को एंड्रोपॉज कहा जाता है.

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आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पुरुषों में भी मेनोपॉज होता है.

Male Menopause: एक टर्म है मेनोपॉज. महिलाओं के संबंध हमेशा इसका उपयोग किया जाता है. मेनोपॉज यानि वो अवस्था जब महिला की उम्र इतनी हो जाए कि हार्मोनल बदलाव के बाद पीरियड्स आना बंद हो जाएं. तकरीबन चालीस साल की उम्र के बाद हर महिला इस बदलाव से गुजरना शुरू कर देती है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पुरुषों में भी मेनोपॉज होता है. हालांकि पुरुषों को महिलाओं की तरह नियमित पीरियड नहीं आता. पर हार्मोनल बदलाव के चलते एक नई अवस्था से वे भी गुजरते हैं. पुरुषों में मेनोपॉज के पीरियड को एंड्रोपॉज कहा जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये भी वैसी ही प्रक्रिया है जैसी महिलाओं में मेनोपॉज.

क्या है मेल मेनोपॉज?

जब शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी होने लगती है तब महिलाओं का मेनोपॉज वाला समय शुरू होता है. उसी तरह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने लगती है. ये बदलाव अमूमन पचास की उम्र के बाद नजर आते हैं. जब पुरुष इस उम्र में पहुंचते हैं तब वे भी एंड्रोपॉज का सामना करते हैं. जिसके चलते कई अलग अलग बदलाव उनमें नजर आते हैं.

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क्या हैं मेल मेनोपॉज के लक्षण?

पुरुष जब इस प्रक्रिया से गुजरना शुरू करते हैं तब उनके काम करने की क्षमता और ऊर्जा दोनों कम होने लगती है. सेक्स करने की उनकी इच्छा में कमी आने लगती है. इस दौरान शरीर में हो रहे बदलाव के चलते वजन बढ़ने की संभावनाएं भी रहती हैं. मानसिक तौर पर भी इसका असर पड़ता है जिसके चलते मूड स्विंग, डिप्रेशन और उदासी जैसी स्थितियां घेरने लगती हैं. इसका असर नींद पर भी पड़ता है.

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क्या रखें सावधानियां?

पचास की उम्र के आसपास पुरुषों में ये लक्षण दिखाई दें तो ज्यादा फिक्र की बात नहीं है. पर, इससे पहले ही अगर पुरुष एंड्रोपॉज के शिकार होते हैं तो इसका असर उनकी शादीशुदा जिंदगी और दूसरे कामों पर भी पड़ सकता है. अगर ऐसे कोई लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. साथ ही कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए. ऐसे समय में पुरुषों को हेल्दी डाइट लेना शुरू कर देनी चाहिए जिसमें फाइबर्स की मात्रा अधिक हो. इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज करना जरूरी है. कम से कम आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए. स्ट्रेस कम करने के उपाय किए जाने चाहिए. जिनमें स्ट्रेस बस्टर एक्सरसाइज भी शामिल हो सकती हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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