"एंटीबायोटिक्स लेने से बचें" देश में तेजी से बढ़ते फ्लू के मामलों के बीच ICMR ने जारी किया अलर्ट

Flu cases in India: भारत में बीते 2 महीनों से कई ऐसे मरीजों को देखा गया है जो खांसी, जुकाम और बुखार से जूझ रहे हैं. 2 साल तक कोविड महामारी से जूझने के बाद, फ्लू के मामलों में वृद्धि ने आम जनता के बीच एक अजीब सा डर पैदा कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins

इन्फ्लुएंजा: चिकित्सा विशेषज्ञों ने लोगों के लिए क्या करें और क्या न करें की लिस्ट शेयर की है.

New Delhi:

Flu Cases In India: बीते कुछ महीनों से भारत के कई हिस्सों में लोग लंबी बीमारी, लगातार खांसी के साथ इन्फ्लूएंजा से जूझ रहे हैं और ऐसे मरीजों की एक बड़ी संख्या दर्ज की जा रही है. 2 साल तक कोविड महामारी से जूझने के बाद, फ्लू के मामलों में वृद्धि ने आम जनता के बीच एक अजीब सा डर पैदा कर दिया है.

अमेरिका में तेजी से फैल रहे Shigella Bacteria ने बढ़ाई चिंता, सुपरबग पर दवाएं भी बेअसर, जानें लक्षण

  1. पूरे भारत में बुखार और फ्लू के बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. इस पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि यह इन्फ्लुएंजा ए उपप्रकार एच3एन2 (Influenza A subtype H3N2 virus) वायरस के कारण होता है.
  2. H3N2 वायरस दूसरे सबटाइप्स की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है. जानकारों का कहना है कि पिछले दो-तीन महीनों से यह पूरे भारत में बहुत ज्यादा फैल रहे हैं.
  3. इस वायरस के लक्षणों में आमतौर पर बुखार के साथ लगातार खांसी आती है. हाल के मामलों में, बहुत सारे रोगी लंबे समय तक इस तरह के लक्षणों की शिकायत कर रहे हैं.
  4. सिद्ध अस्पताल के डॉ अनुराग मेहरोत्रा ​​कहते हैं, "संक्रमण ठीक होने में समय ले रहा है. इसके लक्षण बहुत जटिल हैं. रोगी के ठीक होने के बाद भी यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं."
  5. विशेषज्ञों का कहना है कि H3N2 वायरस से ग्रसित मरीज अन्य इन्फ्लूएंजा सबटाइप्स की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है.
  6. क्लीनिकल ट्रायल विशेषज्ञ डॉ. अनीता रमेश का कहना है कि इन्फ्लूएंजा का नया स्ट्रेन जानलेवा नहीं है. डॉ. रमेश कहते हैं, "यह जानलेवा नहीं है. लेकिन मेरे कुछ मरीज़ों को सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. कुछ लक्षण कोविड जैसे ही हैं, लेकिन मेरे सभी मरीज़ों का टेस्ट निगेटिव आया है."
     
  7. ICMR ने लोगों को वायरस से बचाने के लिए क्या करें और क्या न करें की एक लिस्ट भी शेयर की है.
  8. दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर में खांसी, जुकाम और मतली के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग न करने की बात कही है.
  9. एसोसिएशन ने डॉक्टरों से केवल बीमारी के लिए ट्रीटमेंट करने को कहा है और एंटीबायोटिक्स देने की मनाही की है.
  10. मेडिकल बॉडी ने  एक बयान में कहा, "हमने पहले ही कोविड के दौरान एज़िथ्रोमाइसिन और इवरमेक्टिन का व्यापक उपयोग देखा है और इससे भी प्रतिरोध हुआ है. एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि संक्रमण जीवाणु है या नहीं."

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Topics mentioned in this article