आज के दौर के में SpO2 को मॉनिटर करना क्यों है ज़रूरी

कोविड-19 के चलते ऑक्सीजन सैचुरेशन या SpO2 के बारे में जागरुकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है. चिकित्सकीय शब्दों में कहें तो SpO2 का मापन एक नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया पल्सेमीट्री द्वारा किया जाता है, जो रक्त वाहिका में होकर गुज़रने वाले प्रकाश तरंग को अवशोषित कर लेता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन की मात्रा से रक्त का रंग निधार्रित होता है. रक्त का रंग जितना चमकदार होगा, इतना ही इसमें ऑक्सीजन का स्तर अधिक होगा, वहीं गहरे लाल रंग के रक्त में ऑक्सीजन कम होती है.

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वर्तमान में भारत सहित पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रही है, महामारी ने हमें ऐसी मझधार में लाकर छोड़ दिया है, जहां न्यूज़ रिपोर्ट हो या व्हॉटसऐप, हर शहर और हर नगर के लोग ऑक्सीजन सप्लायर, ऑक्सीजन सिलिंडर और ऑक्सीमीटर पाने के लिए जूझ रहे हैं. आइए जानें ऐसा क्यों है. जैसा कि हममें से ज़्यादातर लोग जानते हैं, एक व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 से 100 फीसदी के बीच होना चाहिए. आपकी मांसपेशियां और शरीर के सभी
अंग ठीक से काम करते रहें, इसके लिए ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 से 100 फीसदी होना ज़रूरी है. 90 फीसदी से कम ऑक्सीजन हॉइपोक्सिया का कारण बन सकता है, जो समय पर इलाज न करने पर जानलेवा साबित हो सकता है. आजकल, कोविड-19 के बहुत से मरीज़ ऐसे हैं जिनमें हल्के लक्षण हैं वे घर पर ही आइसोलेशन में हैं, ऐसे में उनके पास ऐसी डिवाइस होना ज़रूरी है जिसकी मदद से वे अपने ब्लड में ऑक्सीजन लेवल यानि SpO2 रीडिंग पर निगरानी रख सकें. इस तरह की रीडिंग स्लीप एप्निया के मरीज़ों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होती है. स्लीप एप्निया एक ऐसा विकार है जिसमें नींद के दौरान व्यक्ति की सांस रुक जाती है और फिर से शुरू हो जाती है.

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साथ ही सक्रिय जीवनशैली जीने वाले लोग भी अपने SpO2 को नियमित रूप से मॉनिटर करते हैं. 9-टू-5 वॉरियर्स से लेकर खरार्टों से पीड़ित व्यक्ति, तक सभी के लिए ऑक्सीजन मॉनिटरिंग महत्वपूर्ण हो सकती है. बुजु़र्गों की बात करें तो 90 फीसदी से कम ऑक्सीजन सैचुरेशन के द्वारा उनके दिल एवं सांस संबंधी समस्याओं को समय पर पहचाना जा सकता है, ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ भी इस तरह की मॉनिटरिंग ज़रूरी हो जाती है.

कोविड-19 के चलते ऑक्सीजन सैचुरेशन या SpO2 के बारे में जागरुकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है. चिकित्सकीय शब्दों में कहें तो SpO2 का मापन एक नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया पल्सेमीट्री द्वारा किया जाता है, जो रक्त वाहिका में होकर गुज़रने वाले प्रकाश तरंग को अवशोषित कर लेता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन की मात्रा से रक्त का रंग निधार्रित होता है. रक्त का रंग जितना चमकदार होगा, इतना ही इसमें ऑक्सीजन का स्तर अधिक होगा, वहीं गहरे लाल रंग के रक्त में ऑक्सीजन कम होती है.

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ऑक्सीजन सैचुरेशन मॉनिटरिंग के लिए क्लिप-ऑन ऑक्सीमीटर का उपयोग किया जाता है. हालांकि पिछले कुछ समय में बाज़ार में कई स्मार्ट वॉचेज़ और फिटनैस टै्रकर भी उतारे गए हैं, जिनमें ऑप्टिकल SpO2 सेंसर होता है. इनमें से ज़्यादातर उत्पादों में रैड और इन्फ्रारैड लाईट सेंसर का उपयोग किया जाता है जो आपके रक्त के रंग का विश्लेषण कर आधुनिक एल्गोरिदम के आधार पर सटीक SpO2 रीडिंग देता है. इतना ही नहीं, अब आप नींद के दौरान भी अपने ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल को मॉनिटर कर सकते हैं.

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बैण्ड स्टाइल ऐसा ही एक प्रोडक्ट है, जिसकी मदद से आप हमेशा अपने ऑक्सीजन सैचुरेशन पर निगरानी बनाए रख सकते हैं. यह प्रीमियम फिटनैस बैण्ड नींद के दौरान भी SpO2 यानी ऑक्सीजन सैचुरेशन, रियल टाईम हार्ट रेट और सांसों की गुणवत्ता पर निगरानी बनाए रखता है. SpO2 सेंसर को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि यह हर सैकण्ड आपके ब्लड में ऑक्सीजन सैचुरेशन पर निगरानी बनाए रखे, आमतौर पर यह 8 घण्टे की नींद के दौरान कुल 28800 रीडिंग्स देता है. तो यह बैण्ड आपके स्वास्थ्य पर निगरानी बनाए रखने के लिए बेहतरीन साथी है, साथ ही यह रनिंग, वॉकिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग, बैडमिंटन, क्रिकेट एवं योगा सहित 12 बिल्ट-इन वर्कआउट मोड्स के साथ आता है.  

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वर्तमान में ऑक्सीजन मॉनिटरिंग के लिए बाज़ार में उपलब्ध ज़्यादातर डिवाइसेज़ आइसोलेटेड रीडिंग पर निर्भर करती हैं और ऑक्सीजन स्तर पर निरंतर निगरानी नहीं रख पातीं. किंतु व्च्च्व् बैण्ड स्टाइल एक अच्छा विकल्प है. यह समय के साथ आपके ऑक्सीजन सैचुरेशन में हो रहे बदलाव पर निगरानी बनाए रखता है, इसका SpO2 सेंसर आपका नींद के दौरान भी ऑक्सीजन सैचुरेशन की पूरी जानकारी देता है. और जब भी सांस संबंधी स्वास्थ्य के जोखिम की संभावना हो उसे पहचान कर तुरंत एलर्ट करता है. OPPO बैण्ड स्टाइल की कीमत रु 2999 है और यह एमज़ॉन पर उपलब्ध है.

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